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अनुवादक-बालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋार्पजी 22
पएसिए खंधे भवइ, अहवा दो असंखेज पएसिया खंधा भवंति, । तिहा कज्जमाण एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ असंखेजपएसिए खंधे भवति, अहवा एगयओ परमाणुषोग्गले एगयओ दुपदेसिए एगयओ असंखेज पएसिए खंधे भवति एवं जाव अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दस पएसिए खंधे एगयओ असंखेजपएसिए खंधे भवइ, अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे एगयओ असंखेज पएसिए खंधे भवइ, अहवा एगयओ परमाणु पोग्गले एगयओ दो असंखेज पएसिया खंधा भवंति,अहवा एगयओ दुपदेसिए खंधे एगयओ
दो अनखेज पदेसिया खंधा भवंति, एवं जाव अहवा एगयओ संखेज पएसिए खंधे एक परमाणु पुद्गल एक द्विपदेशात्मक स्कंध एक असंख्यात प्रदेशात्मक स्कंध ऐसे ही एक * राणु पुद्गल एक दश प्रदेशात्मक स्कंध एक असंख्यात प्रदेशात्मक स्कंध, अथवा एक परमाणु पुद्गल एक मंख्यात प्रदेशात्मक स्कंध एक असंख्यात प्रदेशात्मक स्कंध. अथवा एक परमाणु पुद्गल दो असंख्यात प्रदेशात्मक स्कंध, एक द्विपदेशात्मक स्कंध दो असंख्यात प्रदेशात्मक स्कंध यावत् एक दश प्रदेशात्मक स्कंध दो असंख्यात प्रदेशात्मक स्कंध, एक संख्यात प्रदेशात्मक स्कंध दो असं-17
* प्रकाशक-राजाबहादुर लाला मुखदेवमहायजी ज्वालाप्रसादी
भावार्थ