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पंचमांग विवाह पण्णति ( भगवती) सूत्र 42800
सिएखंधे एगयओ दो संखेज पएसियाखंधा भवंति । अहवा तिण्णि संखेज पएसिया खंधा भवंति ॥ चउहा कजमाणे एगयओ तिणि परमाणुपोग्गला एगयओ संखेज पएसिएखंधे भवइ, अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दुपदेसिएखधे, एगयओ संखेज पएसिएखंधे भवइ, अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ तिपदेसिएखंधे, एगयओ संखेज पएसिएखंधे भवइ ॥ एवं जाव अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दसपएसिएखंधे, एगयओ संखेजपएसिएखंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दो संखेजपएसिया खंधा भवंति ॥ अहवा
एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपदेसिएखंधे एगयओ दो संखेजपएसिया खंधा चार टुकडे करते तीन परमाणु पुद्गल व एकसंख्यात प्रदेशात्मक स्कंध अथवा दो परमाणु पुद्गल एक द्विप्रदे शालक स्कंध एक संख्यात प्रदेशात्मक स्कंध, दो परमाणु पुद्गल एक तीन प्रदेशात्मक स्कंध, एक संख्यात, प्रदेशात्मक स्कंध ऐसेही दो परमाणु पुद्गल एक दश प्रदेशात्मक स्कंध एकसंख्यात प्रदेशात्मक स्कंध, अथवा दो परमाणु पुद्गल दो संख्यात प्रदेशात्मक स्कंध, अथवा एक परमाणु पुद्गल, एक . द्विपदेशात्मक स्कंध दो संख्यात प्रदेशात्मकस्कंध इस क्रमसे एक परमाणुपुद्गल एक दशप्रदेशात्मकस्कंध दो संख्यात प्रदेशात्मकस्कंध
बारहवा शतक का चौथा उद्देशा
भावार्थ
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