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सूत्र
भावार्थ
१४- पंचमांग विवाहपण्णत्ति ( भगवती ) सूत्र
तिपदेसिए खंधे एगयओ चउप्पदेसिए खंधे भवइ; तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणु पोग्गला एगयओ पंच पदेसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ परमाणु पोग्गले, एगयओ दुपदेसिए खंधे एगयओ चउप्पदेसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणु पोग्गले, एगयओ दो तिपदेसिया खंधा भवंति, अहवा एगयओ दो दुपदेसिया खंधा, एग़यओ तिपदेसिए खंधे भवइ । चउहा कज्जमाणे एगयओ तिष्णि परमाणुपोग्गला एगयओ चउप्पए सिए खंधे भवइ, अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दुपदेसिए खंधे एगयओ तिपदेसिएखंधे भवइ,अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ तिण्णि दुपदेसिया खंधा ( परमाणु पुद्गल और एक छ प्रदेशात्मक स्कंध अथवा एक द्विपदेशात्मक स्कंध एक पंच प्रदेशात्मक स्कंध एक तीन प्रदेशात्मक स्कंध एक चार प्रदेशात्मक स्कंध तीन टुकडे करते. परमाणु पुद्गल के दो और (पांच प्रदेशात्मक स्कंध का एक अथवा एक परमाणु पुद्गल, एक द्विमदेशात्मक स्कंध व एक चार प्रदेशात्मक स्कंध, एक परमाणु पुद्गल दो तीन २ प्रदेशात्मक स्कंध अथवा दो द्विपदेशात्मक स्कंध और एक (तीन प्रदेशात्मक स्कंध चार टुकडे करते तीन परमाणु पुद्गल के तीन और चार प्रदेशात्मक स्कंध एक अथवा दो परमाणु पुद्गल के दो, द्विपदेशात्मक, स्कंध एक और तीन प्रदेशात्मक स्कंध एक अथवा एक
48 वाखा शतकका चौथा उद्देशा
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