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पंचमांग विवाह पण्णत्ति (भवगती) सूत्र
यओ तिण्णि परमाणु पोग्गला, एगयओ दुपदेसिए खंधे भवइ पंचहा कजमाणे पंच परमाणु पोग्गला भवंति॥४॥छन्भंते! परमाणु पुच्छा ? गोयमा ! छप्पदेसिए खंधे भवइ, से भिज्जमाणे दुहावि तिहावि जाव छविहावि कज्जइ दुहा कजमाणे एगयओ परमाणु पोग्गले, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ. अहवा एगयओ दुपदेसिए खंधे एगयओ चउप्पदसिए खंधे भवइ, अहवा, दो तिपदेसिया खंधा भवंति, तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणु पोग्गला एगयओ चउप्पदेसिए खंधे भवइ, अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले
एगयओ दुपदेसिए खंधे भवइ एगयओ तिपदेसिए खंधे भवइ;अहवा तिण्णि दुपदेसियाखंधा। परमाणु पुद्गल, तीन प्रदेशात्मक स्कंध व दो प्रदेशात्मक स्कंध, तीन टुकडे में एक२ परमाण पद्गलके दो टुकडे .
और तीन प्रदेशात्मक स्कंध अथवा एक परमाणु पुद्गल व दो दोपदेशात्मक स्कंध, चारमें तीन परमाणु पुद्गल व एक द्विपदेशात्मक स्कंध, पांचमें पांच अलग२परमाणु पुद्गल ॥४॥ अहो भगवन् ! छ परमाणु पुद्गलों एकत्रित होनेसे क्या
होता है? अहो गौतम ! छ परमाणु पुद्गलोंका छ प्रदेशात्मक एक स्कंध होता है. उसके दो, तीन, चार,पांच व छ टुकडे ७ होते हैं. दो टुकडे करे तो पांच प्रदेशात्मक स्कंध व एक परमाणु पुद्गल, चार प्रदेशात्मक स्कंध व दो ।
प्रदेशात्मक स्कंध और तीन प्रदेशात्मक स्कंध के दो टुकडे. तीन करने में एक २ परमाणु पुद्गलों के दो ।
___* * बारहवा शतकका चौथा उद्देशा -82
भावार्थ
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