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________________ 202 3883 १९८१ जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव धम्मिए जाणप्पवरे तेणेव उवागच्छइ २त्ता जाव दुरूढा||९|| तएणं सा मिगावती देवी जयंतीए समणोवासियाए सद्धिं धम्मियं जाणप्पवरं दुरूढासमाणी णियगपरियाल जहा उसभदत्तो जाव धम्मियाओ जाणप्पवराओ पच्चोरुहइ॥१०॥तएणं सा मियावई देवी जयंतीए समाणोवासियाए सद्धिं बहहिं खुजाहिं जहा देवाणंदा जाव चंदइ णमंसइ, उदायणं रायं पुरओ कटु ठिइया चेव पज्जुवासइ ॥३१॥तएणं समणे भगवं महावीरे उदायणस्स रण्णो मियावईए देवीए जयंतीए समणो वासियाए तीसेय महइ जाच धम्म परिकहेइ जाव परिसा पडिगया ॥ उदायणे पडिभावार्थ किया, बहुत कब्ज वगैरह दासियों के परिवार से अंतःपुर से नीकलकर बाहिर उपस्थान शाला में धार्मिक रथ की पास आकर उत में बैठी ॥ ९ ॥ फोर वह मृगावती देवी जयंती श्रमणोपासिका की साथ वाहन पर २० हुइ अपन पारवार सहित वगैरह जैसे ऋष दत्त का कहा पैसे ही धार्मिक रथसे नीचे उतरे ॥१०॥oyo वह मृगावती देवी बहुत दासियों के परिवार से जयंति श्राविकाके साथ देवानंदा जैसे वंदना नमस्कार। ॐ किया और उदायन राजा को आगे करके बैठी ॥ ११॥ फीर श्रमण भगवंत महावीरने उदायन राजा 1ॐ मृगायनी रानी, व जयति श्रमणोपासिका को उस महती परिषदा में धर्मकथा मुनाइ यावत् परिषदा पंचमांग विवाह पण्णति ( भगवती) सत्र बारहमा शतकका दूसरा उद्देशा शा ।
SR No.600259
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages3132
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size50 MB
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