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शब्दार्थ |
सूत्र
भावार्थ
० अनुवादक - बालब्रह्मचारीमुनि श्री अमोलक ऋषिजी
{सु० सुवर्ण कोडी अ० आठ म० मुकुट म० मुकुट में प्रधान अ० आठ कुंडल जोड कुं० कुंडल जोड प्रधान अ० आठहार हा हार में प्रधान अ० आठ अर्धहार अ० अर्धहार में प्रधान अ० आठ ए० एकावली ए० एकावली में प० प्रधान ए० ऐसे मु० मुक्तावली क० कनकावली २० रत्नावली अ० आठ क० कडेकी जोड तु० बाजु बंध की जोड खो० कपास के वस्त्र जु० युगल प० प्रधान व० टसरिये वस्त्र प० पटवत्र दाणं दयति, तंजहा अट्टु हिरण्ण कोडीओ, अट्ठ सुवण्णकोडीओ अट्ठ मउडे मउडप्पवरे, अट्ठ कुंडलजीए कुंडलजोयप्पवरे, अट्ठहारे हारप्पवरे, अट्ठ अडहारे अहारप्पवरे. अट्ठएगावलीओ, एगावलिप्पवराओ एवं मुत्तावलीओ, एवं कणगावलीओ, एवं रयणावलीओ अटुकडगजोए कडगजोयप्पवरे, एवं तुडियजोए, अट्ठ खोमजुवलाई, खोमजुवलप्परराई, एवं वडगजुवलाई, एवं पट्टजुवलाई, एवं दुगुलजुवलाई, अट्ठ के सिक्के आठ कोड सौनये, आठ श्रेष्ठ मुकुट, आठ कुंडल के जोडे, आठ श्रेष्ठ हार, आठ अर्ध हार, आठ एकावली हार, आठ मुक्तावली, आठ कनकावली, आठ लावली, आठ कड़ों की जोडी, आठ वाजुबंध, (आठ श्रेष्ठ क्षोमयुगल [ कपास के ] वस्त्र, आठ श्रेष्ट टसरीये वस्त्र आठ पटसूत्रय युगल, आठ श्रेष्ठ श्रीदेवी प्रतिमा, आठ ही देवी प्रतिमा, आठ धृतिदेवी प्रतिमा, आठ कीर्ति देवी प्रतिमा, आउ बुद्धि देवी प्रतिमा, आठ लक्ष्मी देवी प्रतिमा, आठ नंदासन, आउ भद्रासन, आद रत्नों के बनाये हुवे ताल वृक्ष, आठ ध्वजा,
* प्रकाशक - राजाबहादुर लाला सुखदेवसहायजी ज्वालामसादजी *
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