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शब्दार्थ व्यतीक्रमते ए० इन च०. चौदह म. महास्वप्न में से अ० अन्यतर स• सात म० महास्वप्न पा० देखकर
५० जागती हैं ब० वलदेव की माता व० बलदेव ग. गर्भ में व० व्यतीक्रमते ए० इन च० चौदह म०* महास्वप्न के अ० अन्यतर च० चार म. महास्वप्न पा० देखकर ५० जागती हैं मं० मंडलीक की मा० माता मं० मंडलीक ग० गर्भ में व० व्यतीक्रमते ए० इन च० चौदह म. महास्वप्न में से अ० अन्यतर ए. एक म. महास्वप्न पा० देखकर १० जागती हैं दे० देवानुप्रिय. प० प्रभावती दे. देवीने ए० एक
अण्णयरे सत्तमहासुविणे पासित्ताणं पडिबुझंति ॥ बलदेवमायगेवा बलदेवंसि मन्भं वक्कममाणसि एएसिं चउद्दसण्हं महासुविणाणं अण्णयरे चत्तारि महामुविणे पासित्ताणं पडिबुझंति मंडलियमायरोवा मंडीलयोस गभंवक्कममाणंसि एएसिं चउद्दसण्हं महामुविणाणं अण्णयरं एगं महासुविणं पासित्ताणं पडिबुझंति ॥ इमंचणं देवाणुप्पिया ! पभावईए देवीए
एगे महासुविणे दिटे तं उरालेणं देवाणुप्पिया! पभावईए देवीए सुविणे दिढे जाव भावार्थ
११. समुद्र १२ देव विमान १३ रत्नों की राशि और १४ धूम्र रहित अनि शिखा. जब वासुदेव गर्भ में
आते हैं तब वासुदेव की माता इन चौदह महास्वप्न में से किसी सात स्वप्न देखती हैं, बलदेव जब गर्भ में है। ॐ आते हैं तब बलदेव की माता चार स्वप्न देखती हैं और मंडलिक की माता इन में से किसी एक महा । + १ जब तीर्थकर, चक्रवर्ती वैमानिक में से चवते हैं तब विमान देखती हैं और नारकी में से आते हैं तब भवन देखती हैं. है ।
48 पंचमांग विवाह पण्णत्ति ( भगवती ) सूत्र 488+
4:40. अग्यारवा शतकका अग्यारवा उद्देशा