________________
23 ०१
mmmmmmmmmmmmmmmmmm
१२१९
भावार्य
48 पंचमांग विवाह पण्णत्ति ( भगवती ) मूत्र 488+
एवं जाब अहवा दो रयणप्पभाए, चत्तारि अहे सत्तमाए होजा ६ । अहवा तिण्णि रयणपभाए, तिण्णि सकरप्पभाए होजा, एवं एएणं कमेणं जहा पंचण्हं दुय संजोगो तहा छण्हंवि भाणियब्वो, णवरं एको अन्भहिओ संचारयव्वो, जाव अहवा पंच
तमाए एगे अहे सत्तमाए होजा, १०५ ॥ अहवा एने स्यणप्पभाए, एगे सकरप्पभाए है । चत्तारि चालुयप्पभाए होजा, अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए, चत्तारि गुनाकार करने से द्विसंयोगी १०५ भांगे हुवे. सात नरक के तीन संयोगी ३५ पद होते हैं और छ । जीवों के तीन संयोगी दश विकल्प होते हैं ११४, १२३, २१३, १३२, २२२, ३१२, १४१, २३१, ११२१, ४११. इस तरह तीन संयोगी ३५० भांगे होते हैं. सात नरक के चार संयोगी ३५ पद होते हैं,
और छ जीव के चार संयोगी दश विकल्प होवे. १९१३, ११२२, १२१२, २११२, ११३१, १२२११ १२१२१, १३११. २२११, ३१११ इस तरह पद व विकल्प का गुनाकार करने से ३५० भांगे होते हैं. ' सात नरक के पांच संयोगी २१ पद होते हैं और छ जीव के पांच संयोगी पांच विकल्प होते हैं ११११२ १११२१, ११२११, १२१११, २११११ इस तरह पद व विकल्प का गुनाकार हो से १०५ भांगे होते हैं... और छ के योग से सात भांगे होने यो सब मिलकर ९२४ जीव के भी होते हैं. उले में असंयोगी सात पहिले कहे वैसे ही, द्विसंयोगी १०५ भांगे एक र० में पांच श० में एक र० में पांच बा• में यावत् एक
नवां शतकका बत्तीसवा उद्देशा