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पंचमांग विवाह पण्णात्ति (भगवती) सूत्र 48:00
एगे अहे सत्तमाए होजा; अहवा एगे रयणप्पभाए एंगे वालथप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगें तमाए, एगे अहे सत्तमाए होजा; अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहे सत्तमाए होज्जा, अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमाए, एगे तमाए, एगे अहे सत्तमाए होजा १५ ॥ अहवा. एगे सक्करप्पभाए, एगे वालयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा । अहवा एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे अहे सत्तमाए होज्जा । अहवा एगे सकरप्प. भाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्प्रभाए, एगेतमाए एगे अहे सत्तमाए होजा । अहवा एगे
सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहे सत्तमाए १० एक र० एक श० एक धू० एक त० एक तमतम प्रभा ११. एक र० एक बा० एक पं० एक धू०एक
त० १२ एक र०एक बा०एक पं०एक धू०एक तमतम प्रभा१३ एक र०एक बा एक पं०एकत. एक तमतम ॐ प्रभा १४ एकर० एक वा एक धू०एक त एक तमतम प्रभा १५ एक र०एक पं०एक धू०एक त० एक तमतम
प्रभा १६ एक श० एक बा० एक पं० एक धू० एक त० १७ एक श०, एक बा० एक पं० एक धू०
> नववा शतक का बत्तीसवा उद्देशा 4.
भावार्थ