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82 अनुवादक-बालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी +
एगे अहे सत्तमाए होजा । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए होजा अहवा एगे रयणप्पभाए एगेसकरप्पभाए एगे. पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होना अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहे सत्तमाए होजा ॥ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होजा, अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होजा ।
अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, भांगे होते हैं. १ एक रत्न प्रभा में एक शर्कर प्रभा में एक बालु प्रभा में, एक पंक प्रभा में एक धूम्रप्रभा में २ एक र० एक श• एक वा एक पं० एक त में एक र०एक श०एक बा० एक पं०एक तमतम प्रभा में ४ एक र० एक श० एक बा० एक धू० एक त० में ५ एक २० एक श.एक बा०एक धू० एक तमतमप्रभा में६एक र०एक श०एक बा० एक त० एक तमतमप्रभा में एक र० एक श०एक पं०एक धू० एकत्र त०८ एक र० एक श०एक पं०एक धू० एक तमतमप्रभा ९ एक एक र० एक श० एक पं० तमतमप्रभा में |
* प्रकाशक-राजाबहादूर लाला सुखदवसहायनी ज्वालाप्रसादजी*
भावार्थ