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2008- पंचमांग विवाह पण्णत्ति (भगवती) मूत्र
यप्पभाए, एगे पंकप्पभाए होजा, अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालु- .. यप्पभाए, एगे धूमप्पभाए होज्जा, एवं जाव अहवा पगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए, एगे वालयप्पभाए, एगे अहे सत्तमाए होजा, ४ ॥ अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सकरप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए होजा, अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए; एगे पंकप्पभाए, एगे तमाए होज्जा, अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सकरप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे अहे सत्तमाए होजा ६ ॥ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए होज्जा, अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे तम प्रभा, एक धूम्र प्रभा एक तम प्रभा दो तम तम प्रभा और दो धूम्र प्रभा एक तमप्रभा एक तम तम प्रभा यों तीन. सब मीलकर सातों नरक के तीन संयोगी १०५ भांगे हुए. अब चतुष्क संयोगी ३५ भांगे कहते हैं. १ एक रत्नप्रभा में, एक शर्कर प्रभा में एक बालप्रभा में एक पंकसभा में २ एक रत्नप्रभा में एक शर्कर प्रभा में एक बालुप्रभा में एक धूम्र प्रभा में ३ एक रत्नप्रभा में एक शर्कर प्रभा में एक बालुप्रभा में एक तम प्रभा में ४ एक रत्नप्रभा में एक शर्कर प्रभा में एक बालुप्रभा में एक तमतम प्रभा में ५ एक रत्न प्रभा में एक शर्कर प्रभा में एक पंकप्रभामें एक धूमप्रभा ६ एक रत्नप्रभामें एक शर्कर प्रभामें एक पंकप्रभा में
का शतक का बत्तीसजा उद्देशा
भावार्थ
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