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________________ 42 अनुवादक बालब्रह्मवारी मुनि श्री अमोलक ऋषीजी 8+ होजा जाव अहवा एगे सक्करप्पभाए,एगे पंकप्पभाए,एगे अहे सत्तमाए होजा॥ अहवा। एगेसक्कप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा,अहवा एगे सकरप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे अहे सत्तमाए होजा, ॥ अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे तमाए एगे अहे सत्तमाए होजा॥अहवा एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धमप्पभाए होजा, अहवा एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे तमाए होज्जा, अहा एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे अहे सत्तमाए होजा ॥ अहवा एगे वालुयप्पभाए, एगे धूमप्यभाए एगे तमाए होज्जा, अहवा एगे वालुयप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे अहे सत्समाए प्रभा व एक तमतमपमा यो रत्नप्रभा आश्री तीन संयोगी १५ भांगे हुवे. अब १ एकशर्करमा एकशलुपमा एकपंकसभा,एकशर्करमभा एकबालुप्रभा एकधूमप्रभा, एकशर्करप्रभा एकबालुपमा एकतमपूमा एकशर्करा एकबालुपमा एकतमतमप्रभा यों चारभांगे. अथवा एकशर्करप्रभा एकपंकप्रभा एकधूमप्रभा यावत् एकशर्करप्रभा एकपंकप्रभा, व तमतमप्रभा यों तीन भांगे एकशर्करप्रभा एकधूमप्रभा एकतमप्रभा एकर्करप्रभा एकधूमप्रभा व एकतमतमप्रभा यों दो भांगे एकशर्करप्रभा तमप्रभा एकतमतमप्रभा यो सर्कर प्रभा. आश्री तीन संयोगी दश रु भांगे हुवे. अश्वा एक बालुप्रभा एक पंकप्रभा एक धूमप्रभा एक बालुपमा एक पंकप्रभा एक तमप्रभा एक प्रकाशक-राजाबहादुर लाला सुखदेवसहायजी ज्वालाप्रसादजी * भावार्थ mmmmmmmmmmmmnna
SR No.600259
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages3132
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size50 MB
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