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एगे अहै सत्तमाए होज्जा ॥ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा, अहवा एगे रयणप्पभाए एगे धूमप्पभाए, एगे अहे सत्तमाए होज्जा ॥ अहवा एगे रयणप्पभाए; एगे तमाए, एगे अहे सत्तमाए होजा; एवं १५ ॥ अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए होजा, . अहवा एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयाए, एगे धूमप्पभाए होजा, ॥ जाव एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए,
एगे अहेसत्तमाए होज्जा, ॥ अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए भावार्थतम प्रभा और दो तम प्रभा एक तम तम प्रभा यों तम प्रभा आश्री दो भांगे यों ४२ भांगे होते हैं. अब
तीन संयोगी भांगे बतलाते हैं. १ एक रत्न प्रभा, एक शर्कर प्रभा व एक बालु प्रभा में उत्पन्न होवे २ एक रत्न प्रभा एक शर्कर प्रभा एक पंक प्रभा में ३ एक रत्न प्रभा एक शर्कर प्रभा एक धूम् प्रभा में ४एक रत्न प्रभा एक शर्कर प्रभा एक तम प्रभा में ५ एक रत्न प्रभा एक शर्कर प्रभा व एक तम तम प्रभा में उत्पन्न होवे यों पांच भांगे अथवा एक रत्न प्रभा एक बालु प्रभा एक पंक प्रभा में एक रत्नप्रभा एक वालु प्रभा एक धूमू प्रभा यों तम तम प्रभा तक चार भांगे होवे, अथवा एक रत्न प्रभा एक पंक प्रभा एक धूम प्रभा यों तमतम प्रभा तक तीन भांगे होवे अथवा एक रत्न प्रभा एक धूम प्रभा एक तपप्रभा एक रत्न प्रभा एक धूम् प्रभा एक तम तम प्रभा यों दो भांगे अथवा एक रत्न प्रभा एक तम
पंचमाङ्ग विवाह पण्णात्रीि ( भगवती ) सूत्र
3g- नववा शतकका बत्तीसत्रा उद्देशा 9888