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________________ 2018 88% पंचमांग विवाह पण्णत्ति ( भगवती) मूत्र 8.9%80% णाणावरणिज्ज कम्मा सरीर प्पओग बंधेणं भंते ! कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा! दुविहे ५० तं• अणाइयं एवं जहेव तेयगस्य संचिटणा तहेव एवं जाव अंतराइय कम्मरस ॥ णाणावरणिज्ज कम्मा सरीर प्पओग बंधंतरेणं भंते ! कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! अणाझ्यस्स एवं ,जहा तेयग सरीरस्स अंतरं तहेब जाव अंतराइयस्स । एएसिणं भंते ! जीवाणं णाणावरणिजस्स कम्मरस देसधगाणं अबंधगाणय कयरे २ जाव अप्पाबहुगं जहा तेयगस्स एवं आउयवज्जं जाव अंतराइयं ॥ आउयस्स पुच्छा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा आउयकम्मरस देसबं धगा, अबंधगा, संखजगुणा ॥ ४५ ॥ जस्सणं भंते ! ओरालिय सरीरस्स सव्वबंधे ज्ञानावरणीय कार्मण शरीर प्रयोग बंध की कितनी स्थिति कही ? अहो गौतम ! इस के दो भेद अनादि अपर्यवसित अनादि सपर्यवसित. ऐसे ही अंतराय कर्म तक जानना. अहो भगवन् ! ज्ञानावरणीय का-go मण शरीर प्रयोग बंध का अंतर कितने काल का कहा? अहो गौतम ! जैसे तेजस शरीर का अंतर of कहा वैसे ही यहां जानना. ऐसे ही अंतराय पर्यंत कहना. अहो भगवन् ! इन ज्ञानावरणीय कार्मण शरीर प्रयोग के देश बंधक व अबंधक में कौन किस से अल्प, बहुत यावत् विशेषाधिक है ? अहो गौतम ! आठवा शतकका नववा उद्दशा
SR No.600259
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages3132
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size50 MB
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