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________________ १० अनुवादक-बालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋापजी 80 अहवा नकारवेइ करतं नाणुजाणइ कायसा ॥ एगविहं तिविहेणं पडिक्कममाणे नकरेइ मणसा वयसा कायसा । अहवा नकारवेइ मणसा वयसा कायसा । अहवा करतं नाणुजाणइ मणसा वयसा कायसा ॥ एगविहं दुविहेणं पडिकममाणे नकरेइ मणसा वयसा, । अहवा नकरेइ मणसा कायसा । अहवा नकरेइ वयसा कायसा । अहवानकारवेइमणसा वयसा । अहवा नकारवेइ मणसा कायसा। अहवानकारवेइ वयसा कायसा अहवा करंतनाणुजाणइ मणसा वयसा, अहवा करतं नाणुजाणइ मणसा कायसा, अहवा करतं नाणुजाणइ वयसा कायसा, ॥ एगविहं एगविहेणं पडिकममाणे न करेइ मणसा, अहवा न करेइ वयप्ता, अहवा ण करेइ कायसा । अहवा न कारवेइ नहीं काया से २६ करावे नहीं अनुमोदे नहीं मन से २७ करावे नहीं अनुमोदे नहीं वचन से २८ करावे. नहीं अनुमोदे नहीं काया से. एक करन तीन योग से प्रतिक्रमता हुवा २९ करे नहीं मन से वचन से व काया से ३० करावे नहीं मन से वचन से व काया मे ३१ अनुमोदे नहीं मन से वचन से व काया से |ल एक करन दो योग से प्रतिक्रमता हवा ३२ करे नहीं मन से वचन से ३३ करे नहीं मन से काया से १३४ करे नहीं वचन से काया से ३५ कराये नहीं मन से वचन से ३६ करावे नहीं मन से काया से ३७ * प्रकाशक-राजाबहादुर लाला सुखदेव सहायजी ज्वालाप्रसादजी * भावार्थ
SR No.600259
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages3132
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size50 MB
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