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________________ विवाह पण्णत्ति (भगवती) मूत्र -228 पंचमाङ्ग अहवा नकरेइ करतं नाणुजाणइ मणसा वयसा । अहवा नकरेइ करतंनाणुजाणइ मणसा कायसा । अहवा नकरेइ करंतं नाणुजाणइ वयसा कायसा, । अहवा नकारवेइ करतं नाणुजाणइ मणसा वयसा । अहवा नकारवेइ करतं नाणुजाणइ मणसा कायसा । अहवा नकारवेइ करतंनाणुजाणइ वयसा कायसा ॥ दुविहं एगविहेणं पडिक्कममाणे नकरेइ नकारवेइ, मणसा ! अहवा नकरेइ नकारवेइ वयसा । अहवा नकरेइ नकारवेइ कायसा । अहवानकरेइ करतं नाणुजाणइ मणसा । अहवा नकरेइ करतं नाणुजाणइ वयसा । अहवा नकरेइ करतं नाणुजाणइ कायसा । अहवा न कारवेइ करंतं नाणुजाणइ मणसा । अहवा नकारवेइ करतं नाणुजाणइ वयसा नहीं अनुमोदे नहीं मन से वचन से १५ करे नहीं अनुमोदे नहीं मन से काया से १६ करे नहीं अनुमोदे नहीं वचन से काया से १७ करावे नहीं, अनुमोदे नहीं मन से वचन से १८ करावे नहीं अनुमोदे नहीं, मन से काया से १९ करावे नहीं अनुमोदे नहीं वचन से काया से. दो करन एक योग से प्रतिक्रमता हुवाई ॐ २० करे नहीं करावे नहीं मन से २१ करे नहीं करावे नहीं वचन से २२ करे नहीं करावे नहीं काया से २३ करे नहीं अनुमोदे नहीं मन से २४ करे नहीं अनुमोदे नहीं वचन से २५ करे नहीं अनुमादे 8833आठवा शतकका पांचवा उद्देशा g>ator भावार्थ 288
SR No.600259
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages3132
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size50 MB
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