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________________ + पचारामुनि श्री अमोलक ऋपिजी अनुवादक-बालब्रह्म करतं नाणुजाणइ, वयसा, कायसा, ॥ तिविहं एगविहेणं पडिक्कममाणे नकरेइ नकारवेइ करंतं नाणुजाणइ मणसा । अहवा नकरेइ नकारवेइ करतं नाणुजाणइ. वायसा । अहवा नकरेइ नकारवेइ करतं नाणुजाणइ, कायसा ॥ दुविहं तिविहेणं १०८६ पडिक्कममाणे नकरेइ, नकारवेइ, मणसा वयसा कायसा। अहवा नकरेइ करतं नाणुजाणइ मणसा वयसा कायसा, अहवा नकारवेइ करतं नाणुजाणइ मणसा वयसा कायसा ॥ दुविहं दुविहेणं पडिक्कममाणे-नकरेइ नकारवेइ, मणसा वयसा । अहवा नकरेइ नकारवेइ, मणसा कायसा । अहवा नकरेइ नकारवेइ वयसा कायसा । करावे नहीं, करते को अनुमोदे नहीं, मन मे काया से, ४ करे नहीं, करावे नहीं. करते को अनुमोदे नहीं, वचन से कागसे तीन करन एक योगसे प्रतिक्रमता हुवा ५ कर नहीं, करावे नहीं, करतेको अनुमोदे नहीं मन से, ६ करे नहीं, करावे नहीं, करते' को अनुमोदे नहीं वचन से ७ करें नहीं, करावे नहीं, करते। को अनुमोदे नहीं काया से. दो करन तीन योग से प्रतिक्रमता हुवा करे नहीं, करावे नहीं मन वचन व काया से ९ करे नहीं. करते को अनुमोदे नहीं मन वचन व काया से १० करावे नहीं करते को अनुमोदे नहीं. मन वचन व काया से. दो करन दो योग से प्रतिक्रमता हुवा ११ करे नहीं करावे नहीं मन से वचन से १२ करे नहीं करावे नहीं मन से काया से १३ करे नहीं करावे नहीं वचन से काया से १४ करे *प्रकाशक-राजाबहादुर लाला सुखदेवसहायजी घालाप्रसादजी *
SR No.600259
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages3132
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size50 MB
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