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48 अनुवादक-बालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी
संठाण परिणएवा ॥ २३ ॥ तिण्णि भंते ! व्वा किं पओग परिणया मीसापरिणया, वीससापरिणया ? गोयमा ! पओगपरिणया, मीसापरिणया, वीससा परिणया, अहवा. एगे पओग परिणए; दोमीसा परिणया, अहवेगे पओगपरिणए दोवीससा परिणया, अहवा- दोपओग परिणया एगे मीसापरिणए, अहवा- दोपओग परिणया, एगे वीससापरिणए, अहवा- एगे मीसापरिणए दो वीससा परिणया, अहवा- दोमीसापरिणया एगे वीससापरिणए अहवा- एगे पओग परिणए, एगे मीसापरिणए, एगे वीससापरिणए ॥ २४ ॥ जइ पओगपरिणया कि मणप्पओगपरिणया, वयप्पओगपरिणया, कायप्प
* प्रकाशक-राजाबहादुर लाला सुखदेवसहायनी बालाप्रसादजी *
भावार्थ
संस्थान परिणत एक आयत संस्थान परिणत जानना ॥ २३ ॥ अहो भगवन् ! क्या तीन पुद्गल प्रयोग परिणत, मीश्र परिणत व वीससा परिणत हैं ? अहो गौतम ! प्रयोग, मीश्र व वीस्रमा तीनों परिणत हैं अथवा एक प्रयोग परिणत दो मीश्र परिणत, एक प्रयोग परिणत दोवीस्रसा परिणत, दोप्रयोग परिणत, एक मीश्रपरिणत, दो प्रयोग परिणत एक वीस्रमा परिणत, एक मीश्रदो वीरसा परिणत दो मीश्र एक वीससा और एकप्रयोग एक मीश्रव एक वीस्रमा परिणत है।॥२४॥यदि प्रयोग परिणत है तो क्या मन प्रयोग परिणत वचन प्रयोग परिणत व कायप्रयोग परिणत हैं ? अहो गौतम! इस में एक संयोगी द्वी, तीन संयोगी भांगे कहना. यदि मन प्रयोग