________________
१०२४
42 अनुवादक-बालब्रह्मचारी मनि श्री अमोलक ऋषिजी
किं सच्चमण पओगपारणयी, ' किं असच्चमण पओगपरिणया, कि सच्चामोसमणप्पओगपरिणया, किं असच्चामोसमणपओगपरिणया ? गोयमा ! सच्चमणप्पओगपरिणयावा, जाव असञ्चामोसमणप्पओगपरिणयावा; अहवा एगे सच्चमणप्पओगपरिणए, एगे मोसमणप्पओगपरिणए, अहवा- एगे सच्चमणपओगपरिणए, एगे सच्चामोसमणप्प
ओगपरिणए, अहवेगेसच्चमणप्पओगपरिणए, एगे असच्चामोसमणप्पओगपरिणए, अहवेगे मोसमणप्पओगपरिणए, एगेसच्चामोसमणप्पओग परिणए, अहवेगे मोसमणप्पओग परिणए, एगे असच्चामोसमणप्पओग परिणए, अहवेगे सच्चा मोसमणप्पओगपरिणए, एगेअसच्चामोसमणप्पओग परिणए; ॥ २२ ॥ जइ सच्च. प्रयोगव काय प्रयोग परिणत है. अथवा एक मन प्रयोग, एक वचन प्रयोग व एक मन प्रयोग एक काय प्रयोग व एक वचन प्रयोग एक काय प्रयोग परिणत है. यदि मन प्रयोग परिणत है तो क्या सत्य मन, असत्य मन, मीश्र मन व व्यवहार मन प्रयोग परिणत है ? अहो गौतम ! सत्य मन प्रयोग परिणत यावत् व्यत्र
हार मन प्रयोग परिणत है. अथरा एक सत्य मन, एक असत्य मन, एक सत्य मन एक सत्यमृषा, एक * सत्य मन, एक व्यवहार मन, एक असत्य मन, एक मीश्र मन, एक असत्य मन एक व्यवहार मन, अथवा
* प्रकाशक-राजावहादुर लाला मुवदेवमहायजी पालापमादजी *
भावार्थ