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-७ वर्ग १३ अध्ययन श्रेणिकराजा की
५ सुकृष्णारानी भिक्षु की प्रतिमा ... १२, १३ राणी के
६ महाकृष्णारानी लघुसर्वोतम भद्र तप ... १२४ ८ वर्ग-१० अध्ययन
७वीरकृष्णारानी महासर्वोतभद्र तप ... १२७/Y १कालीरानीने रस्नावली तप .... ८ रामकृष्णारानी मद्रोचर प्रतिमा ... १३0.1 २मुकाली रानी का कनकावली तप ... ११ ९प्रियसनकृष्णारानी मुक्तावली तप ... १३२,०० ३ महाकाली रानी लघुसिंह क्रीडा तप... ११८ । १० महासन कृष्णारानी आयविलबृधमान १३५ ४ कृष्णाराणी बुद्धसिंहा क्रीडा तप ... १२०
48 अष्टपांग अन्तकृत दशांग-सूत्र 948
परम पुज्य श्री कहानजो ऋषि महाराज की सम्पदायके बालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलकऋषिजी ने सीर्फ तीन वर्ष में ३२ ही शास्त्रों का हिन्दी भाषानुवाद किया, उन ३२ ही शास्त्रों की १००- १००० प्रतो का सीर्फ पांच ही वर्ष में छपवाकर दक्षिण हैद्राबाद निवासी राजा वहादुरलाला
मुखदेवसहायजी ज्वालाप्रसादनी ने सब को अमूल्य लाभ दिया है.
8+ विषयाणुक्रमणिका +
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