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शास्त्र-प्रकाशक
83 आश्रयदाता ACE
दक्षिण केंद्राबाद निवासी जौहरी वर्ग में श्रेष्ट दृहधर्मी दानवीर राजा वहादुर लालाजी साहेव श्री सुखदेव सहायजी ज्यालाप्रमादजी! ___ आपने साधु सेवा के और ज्ञान दान जैसे महालामके लोभी बन जैन साधुमार्गीय धर्म के परम माननीय व परम आदरणीय बत्तीम शास्त्रों को हिन्दी भाषानुवाद सहित छपाने को रु.२००००, का खर्चकर अपूल्य देना स्वीकार किया और युरोप युद्धारंभ से सब वस्तु के भाव में वृद्धि होने से रु. ४०००० के खर्च में भी काम पूरा होनेका मंभव नहीं होते भी आपने उस ही उत्साह से कार्य को समाप्त कर सबको अमूल्य महालाभ दिया, यह आप की उदारता साधुमार्गीयों की मौरख दर्शक व परमादरणीय है!
झोपाला (काठीयावाड) निवासी धर्म प्रेमी कार्यदक्ष कृतज्ञ मणिलाल शिवलाल शठ! इनोंने जैन ट्रेनिंग कालेज रतलाम में संस्कृत प्राकृत व अंग्रेजी का अभ्यास कर तीन वर्ष उपदेशक रह अच्छी कौशल्यता प्राप्त की. इन से शास्त्रोधार का कार्य अच्छा होगा ऐनी सूचना गुरूार्य श्री रत ऋषिजी महाराज से मिलने से इन को बोलाये, इनोंने अन्य प्रेस में शुद्ध अच्छा और शीत्र कान होता नहीं देख शास्त्रोध्यार प्रेस काया किया
और प्रेत के कर्मचारियों को उलाही कार्य दक्ष बना काम लिया.तेही भापानुवाद की प्रेकोपी बनाइ, यद्यपि यह भाइ पगार से रहे थे तथापि इनोंने इन कार्य की सेवा वेतन के प्रमाण मे अधिक की. इस लिये इनको भी धन्यवाद देते हैं.
NEदाबाद सिकन्द्राबाद जैन
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: पाठाप्रमाद .
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