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अर्थ
कि समचकवाल संठिते, एवं विक्खंभो परिक्खेवो जोतिसं जाव तारातो ॥ ८ ॥ ता मणुस्सक्खेत्तणं केवतियं आयाम विक्खंभेणं वदेजा ? एवं विक्खंभो परि
खवो जाति जाव ताराओ एगससिपरिवारो तारागण के डाकोडीगं ॥ ९॥ ता पुक्खरवरण दीव पुक्खरोदेनाम समुदे वटै वलयागारे जाव चिटुंति एवं विक्खंभो आभ्यंतर पुष्कर इन्द्वीप क्श सप चक्ररालस्य न घाला है या विषम चक्रवाल संस्थान वाला है ? यह आभ्यंतर अर्ध पष्करप ट ल ख योजन का चक्रवाल, चौडा है. इसकी परिधि १४२३०२४९ योजन मे कुछ अधिक की है इस में ७२ चंद्र बौरह सब पूक्त कहा वैसे कहना यावत् ४८२२२ केटाकेड तारों ८ ॥ अहो भगवन् ! मनुष्य क्षेत्र कितना लम्बा चौडा है ? अहो गौतम ! मनुष्य क्षेत्र ४५ लाख य जन का लम्बा चौडा है. इस की परिधि १४२३०२४२ योजन में कछ अधिक की है। इस में १३२ चंद्र. १३२ सूर्य, ११३१६ ग्रह, ३६९२ नक्षत्र व ८८४०७०० क्राडाकेड तारों हैं :
चंद्र की दो पंक्ति हैं तद्यथा-६६ चंद्र की पंक्ति ऋत्य कून में हैं और ६६ चंद्र की पंक्ति ईशान कून 14 वैसे ही १३२ सूर्य की पंक्ति हैं, जिम में ६६ मूर्य की एक पंक्ती भनेकून में हैं और ६६. सूर्य की दूरी
पंक्ति वायव्य कून में. ये मेक पर्वत की चारों और चलने हैं. एक न्द्र का परिवार ८८ ग्रह, २८ नक्षत्र व ६६९७५ के डाकेड तारा भोंदा है ॥ ९॥ इस पुष्करवर द्वीप को पुष्करोदाचे नामक
पानिएमा पछुपा 4
उनीमवा पाहुडा 4344
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