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सप्तदश चंद्र प्रज्ञप्ति-सत्र षष्ठ-उपाङ्ग 438
मंडलाइ तेरस सत्तसट्टी भागाति मंडलरस चरति॥ ॥ताणक्खत्तेणं मासणं सूरे कइ मंड लाइं चरति?ता तेरसमडलाई च उचत्तारि सत्तसट्रि भागे . डलस्त चरति ॥९॥ताणक्ख
तेणं मासेणं णक्खत्ते कति मंडलाइं चरति? तातेरस मंडलाति अहसडतालीसंच सत्तस ट्री निकालने का है इस ये ८८४ को एक से गुन ८८४ होवे इसे ६७ से भागने से. १३ मंडल व ११३ भाग आये. इस से एक नक्षत्र मास में चंद्र १३ मंडल व १३ भाग ६७ थे चलता है ॥८॥ अहो भगवन ! एक नक्षत्र मास में सूर्य किती मंडल चला है? अहो गौतम : एक नक्षत्र मास में है मूर्य १३ मंडल व ४४ भाग ६७ ये चलता है, क्यों कि एक युग में नक्षत्र मा ६७ है और सूर्य ११५ मंडल चलता है, इस स जितने माम का मंडल निकालना होगे उतने मास मे ९१५ को गुता के के १६७ से भाग देना. जो आवे उतने मंडल मर्य चलता है मो जानना. यहां प्रथम मास के मंडल निकालने के हैं इस स ९.१५ को एक से गुरते ९१० हो उसे ६७ से भाग दने से १३ मंडल और शेष ४४ रहे इस से एक नक्षत्र मास में मूर्य १३ मंडल व ४४ भाग ६७ या चलता है ॥ ॥ अहो भगवन् ? एक नक्षत्र मास में नक्षत्र कितने मंडल चलते हैं? ओ में तय ! एक नक्षत्र मास में नक्षत्र १३ मंडल व ४६॥ भाग ६७ या चल. क्यों कि एक युग में नक्षत्र मास ६७ हैं और नक्षत्र ११७॥ मंडल चलते हैं. इस से जितने मास का निकालना होव उतने मास से ९.७ को गुमाउरके ६७से भाग देना जो आवे उतने मंडल जानना. यहां प्रथम मास का निकाला है इस से ९.४ा को एक से गुना करने से १५७॥ होने
पन्नरहवा पाहुडा 2
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