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________________ सूत्र अर्थ अनुवादक बालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी 3-4 संवत्सर के नाम पाँच संवत्सरे के मास और मासव संवत्सर के यंत्र दिन व मुहूर्त का एक संवत्सर के नक्षत्र चंद्र Jain Education International एक युग के मास, ६७ ६२ ६१ ऋतु आदित्य ६० अभिवर्धन ५७ दिन २७ २९ .३० -एक मास के मुहूर्त | भाग | मुहूर्त मांग ८१९ ८८५ ९०० ९१५. ३०॥ ३१. 23 २ । ९५९ ० ० ३२७ ३५४ | ३६० ३३६ ३८३ For Personal & Private Use Only मुहूर्त c २०. 12/20 ० प्रकाशक - राजाबहादुर लाला सुखदेवसहायजी ज्याला माजी माम मुहूर्त भाग जिया भागा रातिदियग्गेणं आहितेति वदेज्बाती सेणं कंवतिय मुहुत्तग्गेणं आहितेति वदेज्जा ? ता तेपन्नं मुहुत्तसहस्साई सतियएगुणवष्णा मुहुत्तस्ते सचावण्ण बावट्ठी भागे मुहुत्त बावट्ठी भार्गव सत्तसट्टिया छेत्ता पणपण्णं चुष्णिया भागा मुहुत्तग्गेणं कितने होवे ? अहो गौतम ! १७२१ रात्रि देन १९ मुहूर्त ५७ - भाग ६२ ये और ५५ चुरणिये भग ३७ ये इतना होवे, असे भगवन् ! इन के कितने मुहूर्त होवे ? अहो गौतम । उक्त पांच संवत्सर स ९८३२ १०६२५ १०८०० १०९८० । १५११५८ www.jainelibrary.org
SR No.600254
Book TitleAgam 17 Upang 06 Chandra Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages428
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_chandrapragnapti
File Size8 MB
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