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१ अनुवादक-बालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी
भागं च सत्त सट्टिया छत्ता च उपण्णं चुणिया भागा संस॥ तं समयं चणं सूरे के पुछा? ता अदाहिं चैव अाणं चत्तारि जंचेच चंदरस तंचेव ॥ १९ ॥ ता एतसिणं पंचहं संवच्छराणं बरम वाठि अमावासं चंदे केणं पुच्छ। ? ता पुण्यवसुणा पुण्ण बसुणं बावीसंमुहुत्ता छयालीसंच व वट्ठी भागा मुहुत्तस्स तं समयं चणं सूरे केणं पुन्छ।? ता पुण्गवसुहि. पुण्णवसुणं शराबीसं जंचव चदस्स तंचव ॥ २० ॥ ता जेणं २
नक्खत्तणं चंद जोमं जोतेति सिदेससि सेणं इमातिं अट्ठएकूणवीसाइं मुहुत्तसयाई । इस समय सूर्य कौन से नक्षत्र की साथ योग करता हैं ? इस समय सूर्य आर्द्रा नक्षत्र की साल योग करता है. यह आर्द्रा नक्षत्र चार मुहूर्त १० भाग ६२ ये ५५ भाग ३७ ये शेष रहे और सूर्य नक्षत्र ५५ मुहूर्न ५८ भाग ६२ थे शेष रहे तब बारहवी अमावास्या संपर्ण होती है. यहां धराश को ११॥ से
पांच मंवत्सर में चरम अामठवी अमावास्या को चंद्र कौन से नक्षत्र साथ पोग करता है ? बासठवी अमावास्था को चंद्र पुनर्वसु नक्षत्र की साय योग करता है, यह पुविसु नक्षत्र १.२ महूर्त ४६ भाग ६० ये शेष रहे तब बानी अमावास्या मंपूर्ण होती है. इस समय सूर्य कौनसा नक्षत्र की साथ योग करता है ? उस समय मूर्य पुनर्वसु नक्षत्र की साथ योग करता है. यह पु नक्षत्र २२ मुहूर्त ४६ भाग या शेष रहे और सूर्य नक्षत्र ३०४ मुहूर्न ४६ भाग ३२ या शेष र तब चरम बासठवी अमावास्या संपूर्ण हचि २०॥ जिस नक्षत्र की साथ चंद्र का जिस देश में योग होता है।
मायाक रामाबहादुर लाला मुखदेवसहायजी श्वालाममादजी
HARIJALA
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