________________
:
मुनि श्री को पीला
marwaimammam
* मरिए उई उच्चसेणं एवति ताहि को अट्टाहै दोहि छ'शाणुमणुष्यमाणा
उमाए तस्थणं मे मरिए दुपोरिसिछायं निम्वत्तेति ॥ एष एककाए पडिसीए माणिय . 1 जाव छगउतिमा पडिवत्तिब एगे एव माह ॥ ४ ॥ यं पुण एवं व्यामो सातिरेगे
एगुणवि पोरसिखायं मिव्वत्तेति आहितमि बदजा, ता अब पारमीणं छाया दिन." से निकले, स
माव मे दो पुरुष छायागण मे बनुमान. इस तरह दो पुलाया बनाये. यो एक परिदृत्ति में एक पुरुष प्रषिक १ कहना अर्थात् नीरवनीन पुसावा, पीये पार पुरुप काय यावत् पैना में पंचाण पुरुषछाया और उन्नु पनि छन्नु पापा बनाये ॥४॥ बपन को इस कार कासाई कि मूर्य गुणसठ पुरुष से अधिक पुरुषबा बनावे. पन्न-पर्व
या बासर कितना दिन व्यतीनवा और कितना दिनास? उत्तर-प.पा स दिन का तीसरा भाग यतीचे, पति प्रथम मंडल पर पर सूर्य सेवेस. परी का दिमाग हाये. इम से ३६ को तीन का भाग देन में बारह भी का दिन माने, अन् पारस पी दिन । नवीन हो, और २४ घडी दिन शेष रहे. सूर्यास्त समय में २४ घडी दिन यती रोये और पारस
वी रिवहे. एक पुरुषाया भाषेसर किसना दिन व्यतीत होने और किसना दिन रहे कौशमान दिनापसीस गरे अर्थ. एक दिन । यही का प्रेम मित्र में से
.6-राजाबहादरलाम पुत्रदयसा
बोबाला mir
-
-
।
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org