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. स्स परिक्ववेणं तंजहा-परिक्खेवेतिहिं गुणिया दसहिं भागेहिं भागे हीरमाणे २९सणं
परिक्खेव विसेस अहितेति बदजा ॥ तीसेणं सब बाहिरिया बाहा लवणसमई तेणं चरणति जायणसहस्साई अट्रयं अट्रमने जोयणसत चत्तारि दसभागेजोपणस्स परिक्खं णातीसेणं परिक्खेवे विसेसे कतो आहिया ?ताजणं जंबुद्दीवस्स परिक्खो तिहिं गुणिया दसहिं भागहीरमाणे २ एयणं परिक्खेव विसेसे आहितमि वदेजातीसेणं ताव खेत्ते कवतियं आयामेणं आहितेति वदेजा, ता अट्टोत्तरि जोयणसहस्साति निष्णिय
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सब चंद्रपति मूत्र-पष्ट स्पा +
चौथा पाहुडा
लवण समुद्र में १४८६८५. योजन की परिधि है. जंबद्वीप की परिधि व्यवहार नय से ३१६२२८ योजन की है इस को तीगुना करने से ९४८६८४ इस को दश का भागदवे तब ९४८६८६ योजन हावे.. बब तारक्षेत्र की लम्बाइ चौडाइ कहत है. प्रश्न-वह तापक्षष की लम्बाइ कितनी कही है ? उत्तर अठहत्तर हजार तीनसो तमीम योजन व एकयोजन के तीन भाग में एक भाग ७८३३३योजन तापक्षत्र लम्बाइ कही है. जिसमें में जम्बूदीए के ४५००० हजार योजन ग्रहण करना क्यों कि एकलाख योजनका जम्बूद्वीप लम्बाईजिपस दश हजार योमन का मेरु पर्वत बाद करते ९० हजार योजन रहे,उम क दो भाग करने से ४५ हजार याजन हो. और लवण समुद्र ३३३३ लम्बा है क्यों कि लवण समुद्र दो लाख योजन का विस के छठे भाय में ताप क्षेत्र हैं इस मे ३३३३ योजन होवे सा
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