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________________ - PA८ मलीनाथ जी का ८ वा अध्ययन बलेन्द्र की अग्रमहिषाका २ रा वर्ग ७७९ 11. जिनरक्ष मिनपाल ९ वा. दक्षिण के नबनीकाय की अग्रमहेषिका ११. चन्द्रमा का १०वा. रा वर्ग ७८ ११दाबद्रव वृक्ष का ११ वा. उत्तर के नवती काय की अप्रमाहिषिका १२ सुबुद्धि प्रधान का १२ वा . , ४६९ ४ था वर्ग ७८३ ११३ नन्दन मणियार का १३ वा ४८७ | दक्षिण के वाणव्यन्तर के इन्द्र की अग्र११४ तेतली पुत्र का १४ वा.. माहिषिका ५ वा वर्ग ७८४ ११५.नन्दी फल वृक्ष का १५ वा उत्तर के वाणव्यन्तर के इन्द्र की अग्र१६ द्रौपदी का १६ ना माहिषिका ६ ठा वर्ग ७८६ १७ अकीर्ण देश के घोडे का १७ वा,, चन्द्रमा की अग्रमाहषिका ७ वा वर्ग १८ सुषमा दारीका का १८ वा , ७१३ सूर्य की अग्रमाषिका ८ वा वर्ग ११९ पुंडरीक कुंडरीक का १९ वा , ७३८ शकेन्द्र की अग्रमाहिषिका ९ वा वर्ग .. द्वितीय श्रृंतस्कन्ध. ईशानेन्द्र की अग्रमाहिषिका १० वा वर्ग ७९० - चमरेन्द्र की अग्रमहेषिका १ ला वर्ग ७५६ परम पुज्य श्री कहामजी ऋषि महाराज के सम्प्रदायके बालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलकऋषिजी ने सीर्फ तीन वर्ष में ३२ ही शास्त्रों का हिंदी भाषानुवाद किया, उन ३२ ही शास्त्रों की १०००१००० प्रतों को सर्फि पांच ही वर्ष में छपवाकर दक्षिण हैद्राबाद निवासी राजा बहादुरलाला सुखदेवसहायनी. ज्वालाप्रसादजी ने सब को अमूल्य लाभ. दिया है।... 48+4%8ष्टांग माता धर्म कांग सूत्र 443 49448 विषयानुक्रमणिका ++ ++ - ७७००. -- Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600253
Book TitleAgam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages802
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_gyatadharmkatha
File Size14 MB
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