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४ श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक भाईओंसे जाहिर विज्ञति । श्री मुनिसम्मेलन, फाल्गुन कृष्णा (चैत्रकृष्णा) ३ रविवार ता. ४-३--३४ के रोज दोपहरके बारह बजे के बाद चालिस मिनिटपर शुरु हुआ । मंगलाचरणमें स्नात्रपूजा और शांतिकलशके पश्चात मैंने अपना स्वागतका व्याख्यान और सम्मेलनकी सफलताके संदेश पढ सुनाये थे । करीबन तीन बजे पूज्य मुनिमहाराजोंने संमेलनके पंडाल में पधारकर अपने शुभकार्यका प्रारंभ कीया था। मुनिसम्मेलनकी कार्यवाही शुरु होकर गुप्ततया चलती होनेसे उसके संबंध वर्तमानपत्रों में बीनजवाबदार और झूठी खबरें प्रगट होती हैं और उससे अपने जैन समाजमें निरर्थक झूठा वातावरण फैलता है। यह बात इच्छनीय नहीं होनेसे मुझे सम्मेलनकी ओरसे जाहिर करनेकी सूचना मिली है कि किसीभी वर्तमानपत्रमें छपते किसीभी समाचारको महत्व देना नहीं। मुनिसम्मेलनका कार्य समाप्त होनेपर जो जो शांतिकारक निर्णय होंगे वे सत्ताचार जाहिर किये जायेंगे।
जाहिर वर्तमानपत्रों के संपादकोंको, सम्मेलनके संबंध कोईभी बीनसत्तावार खबर उनके पत्रोंमें नहीं प्रगट करनेकी मैं प्रार्थना करता हूं।
ली. सेवक, कस्तूरभाइ मणिभाइ.
रनेको सूचना मिली निरर्थक झूठा वातावरणमा संबंधमें वर्तमानपत्रा शुभकार्यका मारंभ
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