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________________ विविध पूजन संग्रह ॥ १६३ ॥ Jain Education International प.पू. आचार्य श्री विश्वकल्याणविजयजी म. प.पू. आचार्य श्री प्रबोधचन्द्रसूरीश्वरजी म. प. पू. उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म. प.पू. आचार्य श्री गुणरत्नसूरीश्वरजी म. प. पू. प. भद्रानन्दविजयजी म. प.पू. आचार्य श्री जयघोषसूरीश्वरजी म. प.पू. आचार्य श्री यशोविजयसूरीश्वरजी म. प.पू. आचार्य श्री श्रेयांसप्रभसूरीश्वरजी म. प.पू. आचार्य श्री आनन्दघनसूरीश्वरजी म. प.पू. आचार्य श्री मुनिचन्द्रसूरीश्वरजी म. प.पू. आचार्य श्री कीर्तियशसूरीश्वरजी म. प.पू. आचार्य श्री रत्नाकरसूरीश्वरजी म. प.पू. आचार्य श्री हेमप्रभसूरीश्वरजी म. आदि हरेक गच्छ के आचार्य, पन्यासजी एवं पूज्य सा. श्री ललितप्रभाश्रीजी म.सा. आदि साध्वीजी म.सा. की निश्रा में महापूजनों, प्रतिष्ठा, अंजनशलाका आदि शासन प्रभावक कार्यों में प्रायः वर्ष में ३०० दिन व्यतीत होते हैं । धार्मिकता एवं विद्वता से ओत-प्रोत पं. श्री चंपकलाल शाह काल क्रमेण जगतः परिवर्तमाना, चक्रार पंक्तिरिव गच्छति भाग्य पंक्तिः ॥ For Personal & Private Use Only सम्पादकीय परिचय ।। १६३ ।। www.jainelibrary.org
SR No.600250
Book TitleVividh Pujan Sangraha
Original Sutra AuthorChampaklal C Shah, Viral C Shah
Author
PublisherAnshiben Fatehchandji Surana Parivar
Publication Year2009
Total Pages266
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size21 MB
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