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________________ विविध पूजन संग्रह ॥ १६२ ॥ पूना, समेतशिखर, कलकत्ता व आसाम, हरियाणा, यू.पी., बिहार प्रायः हरेक प्रान्त में। पर्युषणापर्व की आराधना : दिल्ली, बम्बई, वालकेश्वर, होशीयारपुर, लुधीयाना, डोम्बीवली (बम्बई) आग्रा, मण्डया (कर्णाटक) सादडी, घाणेराव आदि ३५ गांवों में व्याख्यानादि आराधना । प्रतिष्ठा अंजनशलाका-महापूजन निम्नोक्त निश्रादाता गुरुदेव : प.पू. आचार्य श्री अरिहन्तसिद्धसूरीश्वरजी म. प.पू. आचार्य श्री सुशीलसूरीश्वरजी म. प.पू. आचार्य श्री अभयदेवसूरीश्वरजी म. प.पू. आचार्य श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी म. . प.पू. आचार्य श्री हेमेन्द्रसूरीश्वरजी म. .. प.पू. आचार्य श्री नित्यानन्दसूरीश्वरजी म. प.पू. आचार्य श्री पद्मसूरीश्वरजी म. प.पू. आचार्य श्री नित्योदयसागरसूरीश्वरजी म.. प.पू. आचार्य श्री चन्दाननसागरसूरीश्वरजी म. प.पू. आचार्य श्री धर्मधुरन्धरसूरीश्वरजी म. प.पू. आचार्य श्री जयानन्दसूरीश्वरजी म. प.पू. आचार्य श्री जिनोत्तमसूरीश्वरजी म. - प.पू. जयरत्नविजयजी म.सा. सम्पादकीय परिचय ॥१६२॥ For Personal & Pre Use Only
SR No.600250
Book TitleVividh Pujan Sangraha
Original Sutra AuthorChampaklal C Shah, Viral C Shah
Author
PublisherAnshiben Fatehchandji Surana Parivar
Publication Year2009
Total Pages266
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size21 MB
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