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________________ सम्पादन विविध पूजन संग्रह ॥ १६१ ॥ -साध्वी, बालक-बालिकाओं को धार्मिक,संस्कृत, प्राकृतादि अध्ययन, आज तक अनेक मुमुक्षुओं को चरित्र मार्ग पर प्रयाण कराया है। : उत्तराध्ययन सूत्र सार्थ, अठारह अभिषेक, उवसग्गहरं, भक्तामर, शान्ति स्नात्र महापूजन सिद्धचक्र, गौतम स्वामी, पद्मावती, १०८ पार्श्वनाथ, ध्वजारोहण विधि, गुरुपदपूजन, आदि पूजन संग्रह पुस्तकें, स्वाध्याय संग्रह, स्तोत्रादि संग्रह, दो प्रति०-पंच प्रति० सार्थ, स्तवन-स्तुति-सज्झाय संग्रह आदि अनेक पुस्तकों का सम्पादन । : शान्तिस्नात्र, सिद्धचक्र, भक्तामर अनेक महापूजन एवं द्विशताधिक अंजनशलाका प्रतिष्ठादि । : प्रायः पंजाब के १०० से ज्यादा गाँवों एवं नगरों में प्रतिष्ठा, अंजनशलाका महापूजन, २० साल से प्रतिवर्ष पंजाब में दो चार दफे लुधियाना, चण्डीगढ़, जालन्धर, सामाना आदि क्षेत्रों में । तदुपरान्त राजस्थान के प्रायः सभी क्षेत्रों में, मद्रास, बम्बई, दिल्ली, विजयवाडा, अहमदाबाद, महापूजनों जैसे सम्पादकीय परिचय महापूजनों का क्षेत्र ॥१६१ ॥ in Educatio n For Personal & Private Use Only
SR No.600250
Book TitleVividh Pujan Sangraha
Original Sutra AuthorChampaklal C Shah, Viral C Shah
Author
PublisherAnshiben Fatehchandji Surana Parivar
Publication Year2009
Total Pages266
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size21 MB
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