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________________ विविध पूजन संग्रह ॥ १३९ ॥ Jain Education International १) शिखा पर हाथ रखकर :- "ॐ नमो अरिहंताणं ड्रॉ शीर्षं रक्ष रक्ष स्वाहा: २) मुँह पर हाथ रखकर :- “ॐ नमो सिद्धाणं ह्रीं वदनं रक्ष रक्ष स्वाहा: " ३) हृदय पर हाथ रखकर :- “ॐ नमो आयरियाणं हूँ हृदयं रक्ष रक्ष स्वाहा: " ४) पर हाथ रखकर :- “ॐ नमो उवज्झायाणं ह्रौं नाभीं रक्ष रक्ष स्वाहा: ' 77 ५) दोनों साथल पर हाथ रखकर :- “ॐ नमो लोए सव्व साहूणं हूः पादौ रक्ष रक्ष स्वाहा: " ( ११ ) रक्षा बंधन :- मंत्र ॐ नमोऽर्हते रक्ष रक्ष हूँ फुट् स्वाहा । - फिर पूजन 'में बैठने वालों के हाथों में रक्षा पोटली बांधना (प्रथम पूजा करने वाले के हाथ में फिर उत्तर साधक के हाथ में बांधना ) । (१२) दिक्कुमारिकाओं को तिलक : लाल चंदन घीसकर एक कटोरी में लेना । फिर जीमने हाथ की तर्जनी अंगुली से निम्न मंत्र बोलते हुए दिक्कुमारीकाओं को तिलक करना । "ॐ ह्रीं नमः बोलते रहना ।” पहले - पूर्व, दक्षिण, उत्तर दिशा, फिर ईशान, अग्नि, नैऋत्य, वायव्य, फिर अधो (उपर ) फिर सबके बाद उर्ध्व ( नीचे ) । For Personal & Private Use Only श्री पार्श्व पद्मावती महापूजन विधि ।। १३९ ॥ www.jainelibrary.org
SR No.600250
Book TitleVividh Pujan Sangraha
Original Sutra AuthorChampaklal C Shah, Viral C Shah
Author
PublisherAnshiben Fatehchandji Surana Parivar
Publication Year2009
Total Pages266
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size21 MB
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