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________________ सूर्यप्रज्ञप्तिवृत्तिः (मल०) PASSWERS प्राभृते तापक्षेत्रप्रमाणं सू२५ बाहिं वित्थडा अंतो वट्टा बाहिं पिहला अंतो अंकमुहसंठिया बाहिं सत्थिमुहसंठिया,उभयोपासेणं तीसे दुवे बाहाओ अवठियाओ भवंति, पणयालीसं २ जोयणसहस्साई आयामेणं, दुवे य णं तीसे बाहाओ अणवद्विआओ भवंति, तंजहा-अभितरिया चेव बाहा सबबाहिरिया चेव बाहा, तीसे णं सबभंतरिथा बाहा मंदरपवयंतेणं छ जोयणसहस्साई तिन्नि य चउवीसे जोयणसए छच्च दसभागा जोयणस्स परिक्खेवेणं आहियत्ति वएज्जा, तीसे णं परिक्खेवविसेसे कओ आहियत्तिवएज्जा ?, ता जे णं मंदरस्स पवयस्स परिक्खेवे ते णं दोहिं गुणित्ता दसहिं छित्ता दुसहिं भागे हीरमाणे, एस ण परिक्खेवविसेसे आहियत्ति वएजा?, ता से णं तावक्खेत्ते केवइयं आयामेणं आहियत्ति वएजा?, ता तेसीइ जोयणसहस्साई तिनि तेत्तीसे जोयणसए जोयणतिभागं आहियत्ति वएजा, तया णं किंसंठिया अंधकारसंठिई आहिअत्ति वइजा?, ता उड्डीमुहकलंबुयापुप्फसंठाणसंठिया आहियत्ति वएजा, अंतो संकुडा बाहिं वित्थडा अंतो वट्टा बाहिं पिहला अंतो अंकमुहसंठिया बाहिं सत्थिमुहसंठिया उभओ पासेणं तीसे दुवे बाहाओ भवंति, पणयालीसं २ जोयणसहस्साई आयामेणं, दुवे य णं मातीसे बाहाओ अणवहियाओ भवंति, तंजहा-सबभतरिया चेव बाहा सबबाहिरिया चेव बाहा, तीसे णं सबब्भंतरिया बाहा मंदरपवयंतेणं नव जीयणसहस्साई चत्तारि य छलसीए जोयणसए नव य दसभागे जोयणस्स परिक्खेवेणं आहियत्ति वएज्जा, ता जे णं मंदरस्स पवयस्स परिक्खेवे तं परिक्खेवं तिहिं गुणित्ता दसहिं छित्ता दसहिं भागे हीरमाणे, एस. ण परिक्खेवविसेसे आहियत्ति वएजा, तीसे णं सबबाहिरिया बाहा लवणसमुदंतेण चउणउई जोयणसहस्साई अह य अठ्ठठे जोयणसए चत्वारि य दसभागे जोयणस्स परिक्खेवेणं आहिए इति वएजा, ता एस णं परिक्खेवविसेसे कओ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600245
Book TitleSuryapragnptisutram
Original Sutra AuthorMalaygiri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1919
Total Pages606
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_suryapragnapti
File Size12 MB
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