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________________ ११भाषा प्रज्ञापनाया: मलय०वृत्ती. पदं ॥२६॥ य भिज्जमाणाणं कयरेशहितो अ० ब० तु. वि०१, गो.! सव्वत्थोवाई दबाई उक्कारियाभेदेणं भिज्जमाणाई अणुतडियाभेएणं भिज्जमाणाई अणंतगुणाई चुणियाभेदेणं भिजमाणाई अणंतगुणाई पयराभेदेणं मिजमाणाई अणंतगुणाई खंडाभेदेणं भिजमाणाई अणंतगुणाई ॥ (सूत्रं १७०) नेरइए पं भंते ! जाई दवाई भासत्ताए गेहति ताई कि ठियाई गेण्हति अठियाई गेण्हति ?, गो! एवं चेव जहा जीवे वत्तवया भणिया तहा नेरइयस्सवि जाव अप्पाबहुयं । एवं एगिदियवजो दंडतो जाव वेमाणिता ॥ जीवा गं भंते ! जाई दबाई भासताए गेहंति ताई किं ठियाई गेण्हति अठियाई गेहंति ?, गो! एवं चेव हुत्तेमवि णेतवं, जाव वेमाणिया २। जीवे गं भंते ! जाई दबाई सञ्चभासत्ताए गेण्हति ताई किं ठियाई मेण्हति अठियाई गेण्हति ?, गो.! जहा ओहियदंडओ तहा एसोवि, णवरं विगलिंदिया ण पुच्छिजंति, एवं मोसाभासाएवि, सच्चामोसाभासाएवि, असञ्चामोसाभासाएवि एवं चेव, नवरं असचामोसामासाए विगलिंदिया पुच्छिजति इमेणं अभिलावेणं-विगलिंदिए गं भंते ! जाई दवाई असञ्चामोसामासाए गिण्हइ ताई किं ठियाई गेण्हइ अठियाई मेण्हइ , गो० ! जहा ओहियदंडओ, एवं एए एगत्तपत्तेणं दस दंडगा भाणियबा (सूत्रं १७१) जीवे णं भंते ! जाई दवाई सच्चभासत्ताए गिण्हति ताई कि सच्चभासचाए निसिरइ मोसमासत्ताए निसरइ सच्चामोसभासताए निसरति असच्चामोसमासत्ताए निसरह १, गो० ! सच्चभासत्ताए निसरइ नो मोसभासत्ताए निसरति नो सच्चामोसभासत्ताए निसरति नो असच्चामोसभासत्ताए निसरइ, एवं एगिदियविगलिंदियवजो दंडतो जाव वेमाणिया, एवं पुहुतेणवि । जीवे णं भंते ! जाई दबाई मोसमासत्ताए गिण्हति ताई कि सच्चभासत्ताए निसरति मोसमासत्ताए सञ्चामोसमा ॥२६६॥ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600240
Book TitlePragnapanopangamsutram Part 01
Original Sutra AuthorMalaygiri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1918
Total Pages752
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size14 MB
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