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________________ श्रीराजमनी मलयगिरी या वृत्तिः ॥ ६७ ॥ Jain Education तोरणा पुरओ दो दो सुपरट्ठा पन्नत्ता णाणाविहभंडविरइया इव चिट्ठति सवरयणामया अच्छा जाव पडिवा । तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो मणगुलियाओ पन्नत्ताओ, तासि णं मणगुलियासु बहवे सुवन्नरूप्पमया फलगा पन्नत्ता, तेसु णं सुवन्नरूप्पमएस फलगेस बहवे वयरामया नागदंतया पन्नत्ता, तेसु णं वयराम सु णागदंतरासु बहवे वयरामया सिक्कगा पन्नत्ता, तेसु णं वयरामएस सिक्कगेसु किण्हसुत्तसिक्कगवच्छिता णीलसुत्तसिक्कगवच्छिया लोहियसुत्तसिक्कगवच्छिया हालिद्दसुत्तसिक्कगवच्छिया सुक्किलसुत्तसिक्कगवच्छिया बहवे वायकरगा पन्नत्ता संवे वेरुलियमया अच्छा जाव पडिरूवा । तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो चित्ता रयणकरंडगा पं०, से जहाणामए रन्नो चाउरं तचक्कवट्टिस्स चित्ते रयणकरंड वेरुलिमणिफलिहपडलपच्चोयडे साते पहाते ते पतेसे सवतो समंता ओभासति उज्जोवेति तवति भासति एवमेव तेवि चित्ता रयणकरंडगा साते पभाते ते पएसे सवओ समता ओभासंति उज्जोवेंति तवंति पगासंति, तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो हयकंठा गयकंठा नरकंठा किन्नरकंठा किंपुरिसकंठा महोरगकंठा गंधवकंठगा उसभकंठा सववयरामया अच्छा जाव पडिरूवा, तेसु णं हयकंठ सुजाव उसभकंठएस दो दो पुप्फचंगेरीओ (मल्लचंगेरीओ) चुन्नचंगेरीओ (गंधचंगेरीओ) वत्थचं - गेरीओ आभरणचंगेरीओ सिद्धत्थचंगेरीओ लोमहत्थचंगेरीओ पन्नत्ताओ सवरयणामयाओ अच्छाओ For Personal & Private Use Only 708707080030766507858787 सूर्याभवि मानवर्णनं सू० २८ ॥ ६७ ॥ jalnelibrary.org
SR No.600237
Book TitleRajprashniyasutram
Original Sutra AuthorMalaygiri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1925
Total Pages302
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_rajprashniya
File Size6 MB
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