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१ अधर्म
प्रश्नव्याकर० श्रीअभयदेव. वृत्तिः
Chotex-ACC
मृषावादिनः सू०७
॥२९॥
कुले सारसे य साहिति पोसगाणं वधबंधजायणं च साहिति गोम्मियाणं धणधन्नगवेलए य साहिति तक्कराणं गामागरनगरपट्टणे य साहिति चारियाणं पारघाइयपंथघातियाओ साहंति य गंठिभेयाणं कयं च चोरियं नगरगोत्तियाणं लंछणनिल्लंछणधमणदुहणपोसणवणणदवणवाहणादियाई साहिति बहूणि गोमियाणं धातुमणिसिलप्पवालरयणागरे य साहिति आगरीणं पुष्फविहिं फलविहिं च साहिति मालियाणं अग्घमहुकोसए यसाहिति वणचराणं जताई विसाई मूलकम्मं आहेवणआविंधणआभिओगमंतोसहिप्पओगे चोरियपरदारगमणवहपावकम्मकरणं उक्खंधे गामघातियाओ वणदहणतलागभेयणाणि बुद्धिविसविणासणाणि वसीकरणमादियाई भयमरणकिलेसदोसजणणाणि भावबहुसंकिलिट्ठमलिणाणि भूतघातोवघातियाई सच्चाईपि ताई हिंसकाई वयणाई उदाहरंति पुट्ठा वा अपुट्ठा वा परतत्तियवावडा य असमिक्खियभासिणो उवदिसंति सहसा उट्ठा गोणा गवया दमंतु परिणयवया अस्सा हत्थी गवेलगकुक्कुडा य किजंतु किणावेध य विक्केह पयह य सयणस्स देह पियय दासिदासभयकभाइलका य सिस्सा य पेसकजणो कम्मकरा य किंकरा य एए सयणपरिजणो य कीस अच्छंति भारिया भे करित्तु कम्मं गहणाई वणाई खेत्तखिलभूमिवल्लराई उत्तणघणसंकडाई डझंतु सूडिजंतु य रुक्खा भिजंतु जंतभंडाइयस्स उवहिस्स कारणाए बहुविहस्स य अट्ठाए उच्छू दुजंतु पीलिज्जंतु य तिला पयावेह य इट्टकाउ मम घरट्ठयाए खेत्ताई कसह कसावेह य लहुँ गामआगरनगरखेडकब्बडे निवेसेह अडवीदेसेसु विपुलसीमे पुप्फाणि य फलाणि य कंदमूलाई कालपत्ताई गेण्हेह करेह सं
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॥ २९॥
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