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________________ व्याख्या प्रज्ञप्तिः अभयदेवीया वृत्तिः२ ॥६९४॥ अग्गिकुमारेसु देवेसु देवत्ताए उववजिहिति, से णं ततोहिंतो अणंतरं उच्चट्टित्ता माणुस्सं विग्गहं लभिहिति १५गोशामाणुस्सं २ केवलं बोहिं बुज्झिहिति के०२ मुंडे भवित्ता आगाराओ अणगारियं पञ्चहिति, तत्थविय णं| लकशते | विराहियसामन्ने कालमासे कालं किच्चा दाहिणिल्लेसु असुरकुमारेसुदेवेसु देवत्ताए उववजिहिति, से णं तओ- दारिकासहिंतो जाव उच्चहित्ता माणुसं विग्गहं तं चेव जाव तत्थवि णं विराहियसामन्ने कालमासे जाव किचा दाहि- म्यक्त्वचर| णिल्लेसु नागकुमारेसु देवेसु देवत्ताए उववन्जिहिति, से णं तओहिंतो अणंतरं एवं एएणं अभिलावेणं दाहि- णयुताभवा. | णिल्लेसु सुवन्नकुमारेसु एवं विज्जुकुमारेसु एवं अग्गिकुमारवजं जाव दाहिणिल्लेसु थणियकुमारेसु से णं तओ दृढप्रतिज्ञ भवश्व जाव उच्चट्टित्तामाणुस्सं विग्गहं लभिहिति जाव विराहियसामन्ने जोइसिएम देवेसु उववजिहिति, से णं तओ सू५६० अणंतरं चयं चइत्ता माणुस्सं विग्गहं लभिहिति जाव अविराहियसामन्ने कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे |देवत्ताए उववजिहिति, सेणं तओहिंतो अणंतरं चयं चइत्ता माणुस्सं विग्गहं लभिहिति केवलं बोहिं बु|ज्झिहिति, तत्थवि णं अविराहियसामन्ने कालमासे कालं किचा ईसाणे कप्पे देवत्ताए उववजिहिति, से णं । तओ चइत्ता माणुस्सं विग्गहं लभिहिति, तत्थवि णं अविराहियसामन्ने कालमासे कालं किच्चा सणंकुमारे कप्पे देवत्ताए उववजिहिति, से णं तओहिंतो एवं जहा सणंकुमारे तहा बंभलोए महामुक्के आणए आरणे, ॥६९४॥ से णं तओ जाव अविराहियसामन्ने कालमासे कालं किच्चा सबट्टसिद्धे महाविमाणे देवत्ताए उववजिहिति, से णं तओहिंतो अणंतरं चयं चइत्ता महाविदेहे वासे जाई इमाई कुलाई भवंति-अड्डाई जाव अपरिभूयाई, Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600226
Book TitleBhagwati sutram Part 03
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1921
Total Pages654
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
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