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सू८२४
व्याख्या- मणुस्साउयंप. देवाउयंपि पकरेइ, जइ देवाउयं पकरेइ तहेव, तेउलेस्सा णं भंते ! जीवा अकिरियावादी ३० शतके प्रज्ञप्तिः | किं नेरइयाउयं पुच्छा, गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेइ मणुस्साउयंपि पकरेह तिरिक्खजोणियाउयंपि
| उद्देशः १ अभयदेवी- II पकरेइ देवाउयंपि पकरेइ, एवं अन्नाणियवादीवि वेणइयवादीवि, जहा तेउलेस्सा एवं पम्हलेस्सावि
क्रियावाद्या या वृत्तिः२/ सुक्कलेस्सावि नेयवा ॥ अल्लेस्सा णं भंते ! जाव किरियावादी किं णेरइयाउयं पुच्छा, गोयमा ! नेरइ
दीनि समय ॥९४३॥
सरणानि याउयपि पकरेइ एवं चउविहंपि, एवं अन्नाणियवादीवि वेणइयवादीवि, सुक्कपक्खिया जहा सलेस्सा, सम्मदिट्ठी णं भंते! जीवा किरियावादी किं नेरइयाउयं पुच्छा, गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरेइ नो तिरिक्ख० मणुस्साउयं पकरेइ देवाउयंपि पकरेइ, मिच्छादिट्ठी जहा कण्हपक्खिया, सम्मामिच्छादिट्ठीणं भंते!जीवा|
अन्नाणियवादी किनेरइयाउयं जहा अलेस्सा, एवं वेणइयवादीवि, णाणी आभिणियोहियनाणी य सुयनाणी | य ओहिनाणी य जहा सम्मद्दिट्टी, मणपज्जवणाणी णं भंते! पुच्छा, गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरेइ नो है तिरिक्ख० नो मणुस्स० देवाउयं पकरेइ, जइ देवाउयं पकरेइ किं भवणवासि० पुच्छा, गोयमा!नो भवणवा
सिदेवाउयं पकरेइ नो वाणमंतर० नो जोइसिय. वेमाणियदेवाउयं, केवलनाणी जहा अलेस्सा, अन्नाणी 18|| जाव विभंगनाणी जहा कण्हपक्खिया, सन्नासु चउसुवि जहा सलेस्सा, नोसन्नोवउत्ता जहा मणपज्जव
नाणी, सवेदगा जाव नपुंसगवेदगा जहा सलेस्सा, अवेदगा जहा अलेस्सा, सकसायी जाव लोभकसायी ||
OG GROCTORSCOPE
॥९४३॥
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