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________________ सागरोवमस्सवि, पोग्गलपरियडू णं भंते! किं संखेजाओ ओसप्पिणीओ पुच्छा, गोयमा। णो संखेजाओ ओसप्पिणीओ णो असंखिज्जा अणंताओ ओसप्पिणिउस्सप्पिणीओ एवं जाव सबद्धा, पोग्गलपरियट्टा णं भंते ! किं संखेजाओ ओसप्पिणिउस्सप्पिणीओ पुच्छा, गोयमा ! णो संखेजाओ ओसप्पिणिउ-12 स्सप्पिणीओ णो असंखे० अणंताओ ओसप्पिणिउस्सप्पिणीओ। तीतद्धा णं भंते ! किं संखेजा पोग्गलपरिया ? पुच्छा, गोयमा ! नो संखेजा पोग्गलपरियट्टा नो असंखेजा अणंता पोग्गलप०, एवं अणागयावि, एवं सबद्धावि । (सूत्रं ७४७) अणागयद्धा णं भंते ! किं संखेजाओ तीतहाओ असंखे. अर्णताओ? गोयमा ! णो संखेजाओ तीतद्धाओ णो असंखेजाओ तीतद्धाओ णो अणंताओ सीतद्धाओ, अणागयद्धार्ण तीतद्धाओ समयाहिया, तीतद्धा णं अणागयद्धाओ समयूणा। सबहा णं भंते ! किं संखेजाओ तीतद्धाओ? पुच्छा, गोयमा ! णो संखेजाओ तीतद्धाओ णो असंखे० णो अणंताओ तीयद्धाओ, सबद्धा णं तीयद्धाओ सातिरेगदुगुणा तीतद्धाणं सव्वद्धाओ थोवूणए अद्धे, सबद्धा णं भन्ते ! किं संखेजाओ अणागयद्धाओ पुच्छा, गोयमा! णो संखेजाओ अणागयद्धाओ णो असंखेजाओ अणागयद्धाओ णो अणंताओ अणागयद्धाओ सबद्धा णं अणागयद्धाओ थोवूणगदुगुणा अणागयद्धा णं सबद्धाओ सातिरेगे अद्धे (७४८)॥ _ 'कइविहे'त्यादि, 'पजव'त्ति पर्यवा गुणा धा विशेषा इति पर्यायाः, 'जीवपजवा य'त्ति जीवधर्मा एवमजीवपर्यवा अपि, 'पज्जवपयं निरवसेसं भाणिय'ति 'जहा पन्नवणाए'त्ति पर्यवपदं च-विशेषपदं प्रज्ञापनायां पञ्चम, तच्चैव Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600226
Book TitleBhagwati sutram Part 03
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1921
Total Pages654
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
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