SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 46
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ रेचकयोग | पूरकयोग | पूरकयोग दीपनआदिनाम दीपनआदिनाम स्फटिकमणि मुक्ताफल पल्लवान्त्यनाम मध्यामागुलि पूरकयोग पूरकयोग कुंभकयोग - रेचकयोग । रेचकयोग संपुटमध्यनाम | ग्रंथवांतरितनाम वैदर्भाद्यक्षरमध्यनाम रोदनआदिमध्यातनाम| पल्लवन्त्यिनाम प्रवालमणि जीवापुत्ता जीवापुचा जीवापुत्ता जीवापुचा अनामिका कनिष्टिकांगु. तर्जन्यांगुलि. तर्जन्यागुलि. तर्जन्यांगुलि. वामहस्त दक्षिणहस्त दक्षिणहस्त दक्षिणहस्त दक्षिणहस्त मध्यमांगुलि SOOOOOOOGO दक्षिणहस्त दक्षिणहस्त जीवापुत्तमाला तर्जन्यांगुलि. दक्षिणहस्त दक्षिणवायु वर्षाऋतु memaCOCsecoCacae वामवायु वामवायु वामवायु दक्षिणवायु दक्षिणवायु ग्रीष्मऋतु शरदऋतु हेमंतऋतु वसंतऋतु शिशिरऋतु मध्यरात्र प्रातकाल दक्षिणवायु दक्षिणवायु वसंतऋतु वसंतऋतु पूर्वाहकाल पूर्वाहकाल अग्निमंडल | पृथ्वीमंडल 0 इति सम्पूर्णम् संध्याकाल मध्यदिन पूर्वाहकाल जलमंडल अपराहकाळ जलमंडल | जलमंडल । वायुमंडळ | वायुमंडल | वायुमंडल । For Personal Private Use Only
SR No.600214
Book TitleVidyaratna Mahanidhi
Original Sutra AuthorBhadraguptasuri
Author
PublisherMahavir Granthmala
Publication Year1936
Total Pages50
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy