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॥ श्रीजिनायनमः ॥ ॥ श्रीपर्युषणाद्यष्टाह्निकव्याख्यानं ॥ (कर्ता श्रीदमाकल्याणकजी)
उपावी प्रसिह करनार. पंमित श्रावक हीरालाल वि. हंसराज.
( जामनगरवाला) संवत-१९६४
सने-१ए किंमत-रु. 0-4-0
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