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ANGRAM
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॥ॐ श्रीजिनाय नमः ॥
साधुप्रतिक्रमणादि सूत्राणि. दा.
परमपूज्य परमगुरु श्रीमन्महोपाध्यायजी श्री १००८ श्रीसुमतिसागरजी महाराज तथा पं० मुनि-श्रीमणिसागरजी महाराजके सद्उपदेशसे.
छपवाकर प्रकट कर्ताःश्रीमालवदेश "उजन" नगर निवासी अमोलकचंदजी चतर तथा सोरठ देश जामनगरांतरगत
"बंथली" ग्राम निवासी जगजीवन जीवराज कोठारी. प्रतयः, १००० श्री वीर निर्वाण संवत् २४५१
विक्रम संवत् १९८१ ॥ भेट ॥ जुहारमल मिश्रीलाल पालरेचा के, जैनबन्धु प्रिंटिंग प्रेस, इंदौर में छपा.
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