SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 272
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ साधु सूत्र अर्थ: द्या कहीए. अने जे साधन रहित होय, ते मंत्र कहीए. प्रतिक ___जे भूतन्नविष्यादिक कहे, ते ज्योतिष विद्या कहीए, जे कोइ प्रकारनी वस्तुवमे कामण प्रमुख करवू ते तंत्रविद्या कहीए. || एम विवेक करवो. ॥२६॥ ॥ वली तुह के ( तव ) तमारा, नामिण के (नाम्ना) नामोच्चारणमात्रे करीने, अपवित्त के0 ( अपवित्रोपि ) अपवित्र एवो पण, जण के० ( जनः ) लोक जेते, पत्तिन के० (पवित्रः ) पवित्र एवो होइ के० (जवति ) थाय दे. नीच कुलना होय तो पण, तमारा नाम स्मरणे करीने नंचो थाय दे. के० (तत् ) ते कारण माटे, हे पास के (हे पार्थ!) हे पार्श्वनाथप्रजो ! हे तिहुअणकल्लाणकोस के० ( हे त्रिभुवनकल्याण कोश !) त्रण जगतनां जे कल्याण तेमने रवाना कोश नांमागार सामान एवा. तुह के0 (वं ) तमो जेते, निरुत्तन के० (निरुक्तः) कह्या बो. एटले पंमित पुरुषोए तमोने ए प्रकारे निरूपण करेला बे.!॥ ४॥ ॥ खुद्द-पनत्त मंत-तंत-जंता विसुत्त । चर-थिर-गरल-गहुग्ग-खग्ग-रिन-वग्गु विगंज ॥ उछिय-सब अगल-घच निबार दय करि । उरियश् हरन स पास-देन ऽरिय-करि-केसरि. ॥ ५ ॥ अर्थ:-जे पार्श्वदेवमनु जेते, खुद्दपनत्त के० ( कृपयुक्तानि) कुश्पुरुषोए प्रयुंजेलां, एटले परनो अपकार करवाने अर्थे करेलां. अथवा करावेलां एवां, मंततंतजंता के० ( मन्त्रतन्त्रयन्त्राणि) मंत्र तथा तंत्र तथा यत्र ते सर्वेने, विसुत्त के० (वि. सूत्रयति ) निष्फल करे बे. एटले पोताना सेवक नपर शत्रुये मारण, मोहन, नच्चाटन, वशीकरण करवाने अर्थे करेला अथवा करावेला मंत्र प्रयोग, तथा तंत्र प्रयोग, तथा यंत्र प्रयोग, तेमने विपरीत करे ; कहेतां ते शत्रुनां करेलां नच्चाटन मारण विगेरे शत्रु उपरज पसे बे, परंतु जेना सेवकने लागी शकतां नथी एवा, ते तमो श्रीपार्श्वनाथ देव जे ते पापने नाश करो एम आगल संबंध बे. मंत्र तंत्रनुं स्वरूप आगल कहेलु दे. अने एकाशी श्यादि आंक जेमां आवे तेने यंत्र कहीए. एम यंत्रनुं स्व. । उच्चाटन मारण | ॥२६४ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600204
Book TitleSadhu Sadhvi Yogya Pratikraman Kriya Sutro
Original Sutra AuthorSirsala Jain Pathshala
Author
PublisherSirsala Jain Pathshala
Publication Year1908
Total Pages372
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy