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॥ ॐ श्रीवर्धमानाय नमः॥
॥ साधु साध्वी योग्य प्रतिक्रमाण कियानां सूत्रो. ॥
(मूलसाचे विस्तारश्री अर्थ सहित नेट आपवासारं ) मुनिमहाराज श्री सुमतिसागरजी तथा मणिसागरजी महाराजना उपदेशश्री.
उपावी मसि करनार. (खानदेश ) सीरसालानी जैनपाठशाला.
टीका उपरथी सार लेइ सरल नाषांतर करनार. जामनगर निवासि पंमित श्रावक होरालाल हंसराज. वीरसंवत्-२४३३ विक्रम संवत्-१९६४
किंमत अमूल्य. विना माकखर्च मोकलवी.
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