SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 285
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ - वृंद, ते मांहोमांहे कोलाहल शब्द करी रह्या ठे, तेनो पमबंदो पडे ते गाजी रह्यो , ते जाणीव वरसादमां गाज थती होय नहीं ? तेवो जणाय . तथा (कुंत चमके सतेजा के० ) तेजे। करी सहित एटले तेजवंतां नालांनी अणी चमकती जलकी रही , ते ( वीज जिम के०) वीजलीनी पेरे जणाय . ए रीते ते संग्राम जोश्ने (झतु थाइ पाउस तणी के ) जाणे | देवरसादनी तुज आवी होय नहीं ? एवो संग्राम देखाय ॥ ए॥ नंड ब्रह्मंड शत खंड जे करी शके, उरले तेहवा नालगोला ॥ वरसता अगनि रणमगन रोषेनस्या, मानुंए यम तणा नयण मोला ॥ चंग ॥१०॥ अर्थ-हवे नालमाथी गोला बूटे ने तेनी उपर कवीश्वर उत्प्रेक्षा करे ने के (नंग के० ) कुंजारना घर, जूनुं नाजन, तेने जेम पथरो मारीने सो कटका करी नाखीए तेनी पेरे (ब्रह्मंग के०) वर्ग, मृत्यु अने पातालरूप ब्रह्मांम, तेना पण जे ( शत खंम के ) सो खंग एटले सेंकमोगमे । खंमोखंग करी शके तेवा महाबलवत्तर महासामर्थ्यवान् (नालगोला के०) नालो मांहेश्री गलोला ठाम गम उबले बे. ते जे सैन्यना मनुष्यने नजीक श्रावी लागे तेना प्राण लीए . ते नालगोला केवा ? तो के (वरसता अगनि के०) अग्निना ससूहने बरसता थका रणमगन एटले संग्राममां तन्मय थका रोषे जस्या एटले क्रोधे नया राता . ते गोला एम जाणे ने के अमे 81 बतां शत्रु केम रहे ? इहां कवि युक्ति कहे जे के हुँ एम मार्नु बु जे ए नालगोला अग्नि वरसता नथी, परंतु सुनटोना प्राण हरण करवाने विकास्या रणमार्गे जाणीए यम राजानां नेत्रना डोलाज ने ? एटले जेम यम राजानां नेत्रना डोला जेनी नपर पडे तेना प्राण लीए, तेम ए नालगोला ४ापण जेनी उपर पडे तेना प्राण लीए ॥१०॥ Sain Education International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600197
Book TitleShripal Rajano Ras
Original Sutra AuthorShravak Bhimsinh Manek
Author
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1917
Total Pages420
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy