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________________ श्री राम खम.१ ॥१०॥ अवसर पामी रायनो रे, रोष समावण काज ॥ कदे प्रधान पधारीये रे, रयवाडी महाराज रे ॥ बे ॥ ॥ १३ ॥ रास नलो श्रीपालनो रे, तेदनी त्रीजी ढाल ॥ विनय कदे मद परिदरो रे, जेदथी बहु जंजाल रे ॥बे ॥न ॥१४॥ अर्थ-एवा समयने विषे अवसर पामीने राजानो क्रोध शमाववा माटे प्रधान कहे ले के महा-18 राज ! रयवामीनो अवसर थयो, माटे रयवामीए पधारो ॥ १३ ॥ जलो श्रीपाल राजानो रास, तेनी ए त्रीजी ढाल पूरी थश्. रासना कर्त्ता विनयविजयजी उपाध्याय कहे डे के जे यकी संसारमा बहु जंजाल थाय डे एवो जे मद एटले अहंकार तेने परिहरो, त्यागो॥ यतः॥जाश्कुल रूव बल सुय, तव लान सिरिय अह मय मत्तो॥ एआई चिय बंधेश, असुहाई बहु च संसारो ॥१॥ इति ॥१४॥5 ॥दोहा॥ राजा रयवामी चढ्यो, सबल सेन परिवार॥ मदमाता मयगल घणा, सदसगमे असवार ॥१॥ सुन्नट सिपाइ सामटा, जिस्या पंचायण सिंद ॥ आयुध आगंबर अधिक, अटल अनंग अबीद ॥२॥ अर्थ-हवे बले करी सहित एवं सैन्य अथवा सबल एटले घणो एवो जे सैन्यनो परिवार, साथ लश्न राजा रयवामाने थर्थे चढ्यो. हवे ते परिवार कहे . एक तो मदे करी जन्मत्त || थयेला एवा मयगल एटले हाथी घणा , अने (सहसगमे के०) हजारोगमे अखारो ॥१॥वली सामटा एटले थोकबंध सुजट तथा सिपाळ ते जेवा पंचानन सिंह होय नहीं ? तेनी सरखा ॥१०॥ बलवान् , ते सिपाच श्रायुध जे हथियार तेनो अधिक श्रागंबर तेणे करीने सहित थका चाले . ते केवा ? तो के अटल एटले कोश्थी पागा टले नहीं, तथा अन्नंग एटले कोश्ना | तेने an Education For Personal and Private Use Only www.pinelibrary.org
SR No.600197
Book TitleShripal Rajano Ras
Original Sutra AuthorShravak Bhimsinh Manek
Author
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1917
Total Pages420
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size11 MB
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