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________________ ला हतो, पण हवे आई पुष्टपणुं तें चिंतव्यु तेथी वर्तमानकाले तो तुं श्रमारा पुश्मन तुल्य बो के | जे तें आवा सर्वशिरोमणि मस्तकना मणि सरखा महापुरुषनी उपर मागी चितवना करी ॥४॥ परनारीने पाप, नवोनव बुडीए रे॥नवो॥ किम सुरतरुनी डाल, कुदामे मुडीए रे ॥ कुदाडे॥परनपगारी एद, जिस्यो जग केवमो रे॥जिस्यो॥ दोगे प्रत्यद जास, के मदिमा एवडो रे ॥के मदिमा० ॥ ५॥ गेमाव्या दोय वार, इणे तुमे जीवता रे॥णे ॥गरीयां धन माल, जो पासे ए दता रे॥ जो पासे ॥ तास्यां थंच्यां वाहण,णे आगल रदी रे॥णे॥ एदवो पुरुषरतन्न, के जग बीजो नहीं रे॥के जग ॥ ६॥ करी एहशुं जोद, जो विरु ताकशो रे॥ जो० ॥ तो अणखूटे किदांश्क, अंते थाकशो रे ॥ के अंते ॥ नाग्ये लाधी शद्धि, इणे जो एवमी रे॥णे॥पडी कांइ र्बुदि, गले तुम जेवडी रे ॥गले॥७॥ अर्थ-वली ते मित्रो कहे जे के हे शेठ ! एक तो परस्त्रीने पापे नवोनव संसार मांहे बुझीए, वली | एवो मूर्ख पण कोण होय के जे (सुरुतरु के०) कल्पवृदनी मालने कुहाडे करी कुमी नाखे ? तेम ए पुरुष तो कल्पवृक्ष समान , वली ए पुरुष तो जगत मांहे जेवो केवडो परोपकारी ने तेनी समान|8 परोपकारी जे. जेनो एटलो महिमा तो प्रत्यक्ष तमेज दीगे बे. (ते श्रागल कहे जे )॥५॥एक बरकूटना बंदर उपर अने बीजा रत्नहीपे, ए बे ठेकाणे तो तमने मारवानी तैयारी थर हती, ते बे स्थानकेथी बे वार तमोने जीवता (बोमाव्या के०) मूकाव्या, तथा जो ए पासे हता तो इ तमारां धन माल सर्वे उगस्यां, नहीं तो आज तमारी पासे एक कोमी पण रहेत नहीं ने तमे । Sain Education International For Personal and Private Use Only
SR No.600197
Book TitleShripal Rajano Ras
Original Sutra AuthorShravak Bhimsinh Manek
Author
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1917
Total Pages420
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size11 MB
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