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________________ श्री पौष्टिक महापूजनविधिः। ॥१३०॥ PRESEARCANAGARLSRIGANGA यज्ञध्वंसवरिष्ठविक्रमचमत्कारक्रियामन्दिर, श्रीसंघस्य समस्तविघ्ननिवहं द्रागेव दूरीकुरु ॥५६॥ ॐनमः श्री-ईशानाय ईशानकल्पेन्द्राय श्री-ईशान....। ५७ श्री-सनत्कुमारेन्द्र-पूजनम्-- किरीटकोटिप्रतिकूटचश्चच्चामीकरासीनमणिप्रकर्षः । सनत्कुमाराधिपतिर्जिनार्चा-काले कलिच्छेदनमातनोतु ॥ ५७ ॥ ॐ नमः श्रीसनत्कुमाराय श्रीसनत्कुमारेन्द्राय श्रीसनत्कुमार....। ५८ श्रीमहेन्द्रेन्द्र पूजनम्-- महैश्वर्यो वर्यमकिरणजालप्रतिनिधि-प्रतापप्रागल्भ्यागुतभवनविस्तारितयशाः। चमत्काराधायिविधुततोरासमुदयः, ध्वजिन्या दैत्यान् हनन् सपदि स महेन्द्रो विजयते ॥ ५८ ॥ ॐ नमः श्रीमहेन्द्राय माहेन्द्रकल्पेन्द्राय श्रीमहेन्द्र....। ५९ ब्रह्मदेवेन्द्रपूजनम् हंसावियोजनवियोजितवाससाम्य-भ्राम्यद्विमानरुचिरीकृतदेवमार्गः । ब्रह्मा हिरण्यसमगण्यशरीरकान्तिः, कान्तो जिनार्चन इह प्रकटोऽस्तु नित्यम् ॥ ५९ ।। ॥१३०॥ Jain Educa For Personal & Private Use Only Narayanimelibrary.org
SR No.600193
Book TitleArhan Mahapujan tatha Poshtik Mahapujan
Original Sutra AuthorVardhamansuri, Anantchandra
Author
PublisherShantilal Himaji Jasaji Mutha
Publication Year
Total Pages180
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size19 MB
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