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________________ कुमार PMLD. आ ग्रंथर्नु नाम कुमारपालप्रतिबोधप्रबंध ग्रंथमा जणावेल छ परंतु प्रतिनी बाजुमां अने अंते कुमारपालप्रबंध लखेल छे तो पण अमे आ ग्रंथर्नु नाम कुमारपाळ प्रतिबोधप्रबंध राखेल छ जे खरेखर सार्थक छे, कारणके महाराजा कुमारपालनी जीवनघटनाओगें वर्णन होवा छतां ग्रंथर्नु मुख्य लक्ष तो कुमारपालनो प्रतिबोध हेमचंद्रसूरि महाराजे कह रीते कयों ते जणाववानुं छे, अने तेथीज नवतत्त्वर्नु स्वरूप, श्रावक आचार विगेरे विगेरे विविधविषयोनुं वर्णन कुमारपालद्वारा करायेल प्रश्नोना जवाब अने परतीथिकोना आक्षेपोर्नु पण निरसन करी कुमारपालने प्रतिबोध जे रीते थाय ते सर्वनुं सविस्तर वर्णन करवामां आव्युं छे. आ ग्रंथ एकज प्रति उपरथी तैयार करवामां आव्यो छे आ प्रति सं. १४९७ नी सालमां लखायेल खुबज अशुद्धने जीर्ण छे. अमदावादना प्रसिद्ध डहेलाना उपाश्रयनी प्रतिओमां तेनी बीजी प्रति मळी शकी नथी तेथी तेनी शुद्धि पं. चतुरावजयजीगणिवर प्रकाशित कुमारपालप्रबंध अने प्रबंधचिंतामणि विगेरे द्वारा करवामां आवी छे. छतां ज्यां ज्यां तेनो विषय तद्दन जुदो के बंधबेस्तो न लाग्यो त्यां अक्षरे अक्षर तेवा स्वरुपमा मुक्यो छे. परंतु तेनो फेरफार करवामां नथी आव्यो. आ ग्रंथ कुमारपालप्रबंधनी प्रस्तावनामां जणावेल कर्तृनामरहित कुमारपालप्रबंधनो उल्लेख छ तेज कदाच होवो जोइए.. अंते प्रेसदोष दृष्टिदोष अने प्रमादने लइने थयेल स्खलना बदल क्षमा मागी अटकीए छीए. परमपूज्य शासन प्रभावक कविदीवाकर पन्यास प्रवर श्रीमद् रंगविमलगणिवर विनेयाणु मुनिश्रीकनकविमलजी. १ श्रीकुमारपालस्य प्रारभ्यते प्रतिबोधप्रबन्धोऽयं, तत्र केऽपि जिशासवः प्रश्नयन्ति ... ... ... ... Jain I n ternational For Personal & Private Use Only ary.org
SR No.600191
Book TitleKumarpal Pratibodh Prabandh
Original Sutra AuthorMafatlal Zaverchand Gandhi
Author
PublisherMafatlal Zaverchand Gandhi
Publication Year1940
Total Pages156
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size13 MB
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